एक समय की बात है एक बहुत बड़ा जंगल था। यह जंगल में लाखो पेड़ था। सभी पेड़ों में दो पेड़ दोस्त थे। और वे कंधा मिलाकर खड़े थे और उसकी दोस्ती बहुत अच्छी थी। और उसी वन में कई शेरों का भी घर था । यह जंगल में शेर शिकार करते थे और ऐसे वो उसका जीवन जीते थे और शेर जंगल में शिकार करते थे और शिकार करके ज्यादा पड़ा हुआ मॉस वही रहने देते थे इसी कारण जंगल का वातावरण मास की दुर्गन्ध से ख़राब हो गया था।
एक दिन दो पेड़ बात कर रहे थे एक पेड़ उन से कहा:“ ये शेर अपने जंगल के वातावरण को प्रदूषित कर रहे हे, और हमें हमारे जंगल को ये शेर से बचाना चाहिए। शेर को हमारे जंगल से हटाया जाना चाहिए। और तब दुसरे पेड़ ने उसके सुर में सुर मिलाकर बोला हाँ, ऐसा ही करना चाहिए। वे हमें ताजी हवा भी नही देना चाहते है। "
एक विचारशील पेड़ वो दोनों पेड़ की बात सुन रहा था उस से कहा, शायद ये शेर इस जंगल के माहौल को प्रदूषित करते होगे, लेकिन ये जंगली जानवरों हमें लकड़ी काटने वाले मनुष्य से बचाते रखते है। जिस जंगल में शेरो का वास है वहा पे लोग लकड़ी काटने का विचार भी नहीं करते है। लेकिन पुराने पेड़ की ये बात दोनों पेड़ के गले में नहीं उतरी और दोनों एक वृक्ष ने निर्णय लिया की ये जंगली प्राणी को यहाँ से हटाकर ही दम लेंगे और उस शाम , दोनों पेड़ मित्रो ने हिंसक लगे ऐसी कंपन शुरू कर दि। हम शेर जंगल से हटाकर ही रहेंगे उसको इतना डरा देंगे की वे इस जंगल छोड़ के भाग जाएगा और फिर कभी ये जंगल में वापस नहीं आएंगे।
दोनों वृक्ष मित्रोंने कहा, और जोर से हँसने लगे। पूरे जंगल उनके डरावने से ख़ुशी से गूंज उठा। ये सुनकर वो बुढा पेड़ बोला " महेरबानी करके ऐसा नहीं करो। " लेकिन दोनों पेड़ ने उसका नही सुना, वो हवा के साथ विशेष शक्ति से आवाज करने लगे। सभी जंगली जानवरों और शेरो इस पेड़ को देख कर उसकी आवाज सुनकर डर गए और वो विचारने लगे की जंगल में कुछ तो होने वाला है इस प्रकार, सोच के वे जंगल से निकल भागे। इस प्रकार सभी जानवरों वन छोड़कर चले गए।
अब, दोनों पेड़ खुश थे, अब हम ताजा हवा का आनंद ले सकते है। उन्होंने कहा । हालांकि, उनकी खुशी लंबा समय ना रही। एक दिन एक आदमी जंगल में आया और कुछ पेड़ काटना शुरू कर दिया। अब इस जंगल में शेर का डर नहीं था और थोड़े ही दिन में यह जंगल में अन्य लोग आया और पेड़ों को काटने शुरू कर दिया।
ये देख का दोनों पेड़ डरने लगे और रोने लगे: अब हम नहीं बचेंगे अब हमारा विनाश पक्का है हमने बहुत मुर्खता का काम किया है हमें वो बूढ़े पेड़ की बात सुननी चाहिए थी। कुछ दिनों में वो दोनों पेड़ को भी लोगो ने काट डाला।
ऐसे पेड़ और शेर को दोनों को बचाना चाहिए क्युकी दोनों जरुरी है।
0 comments:
Post a Comment