Things are Not Always The Same Resembling Hindi Story

वहां के कठोर फर्श पर वे सोने की तैयारी कर रहे थे कि तभी संत को दीवार में एक दरार नजर आई। संत उस दरार के पास पहुंचे और कुछ सोचकर उसे भरने में जुट गए। शिष्य के कारण पूछने पर संत ने कहा-चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी दिखती हैं। अगली रात वे दोनों एक गरीब किसान के घर आसरा मांगने पहुंचे। किसान और उसकी पत्नी ने प्रेमपूर्वक उनका स्वागत किया। उनके पास जो कुछ रूखा-सूखा था, वह उन्होंने उन दोनों के साथ बांटकर खाया और फिर उन्हें सोने के लिए अपना बिस्तर दे दिया।
किसान और उसकी पत्नी नीचे फर्श पर सो गए। सवेरा होने पर संत व उनके शिष्य ने देखा कि किसान और उसकी पत्नी रो रहे थे क्योंकि उनका बैल खेत में मरा पड़ा था। यह देखकर शिष्य ने संत से कहा- गुरुदेव, आपके पास तो कई सिद्धियां हैं, फिर आपने यह क्यों होने दिया? उस धनिक के पास सब कुछ था, फिर भी आपने उसके तलघर की मरम्मत करके उसकी मदद की, जबकि इस गरीब ने कुछ ना होने के बाद भी हमें इतना सम्मान दिया फिर भी आपने उसके बैल को मरने दिया। संत फिर बोले-चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी दिखती हैं।
उन्होंने आगे कहा- उस धनिक के तलघर में दरार से मैंने यह देखा कि उस दीवार के पीछे स्वर्ण का भंडार था। चूंकि उस घर का मालिक बेहद लोभी और कृपण था, इसलिए मैंने उस दरार को बंद कर दिया, ताकि स्वर्ण भंडार उसके हाथ ना लगे। इस किसान के घर में हम इसके बिस्तर पर सोए थे।
रात्रि में इस किसान की पत्नी की मौत लिखी थी और जब यमदूत उसके प्राण हरने आए तो मैंने रोक दिया। चूंकि वे खाली हाथ नहीं जा सकते थे, इसलिए मैंने उनसे किसान के बैल के प्राण ले जाने के लिए कहा। अब तुम्हीं बताओ, मैंने सही किया या गलत। यह सुनकर शिष्य संत के समक्ष नतमस्तक हो गया।
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