भगत नाम का एक किसान था। वो बहुत गरीब था, साथ-साथ आलसी भी था । उसको एक खेत भी थी लेकिन वो उसपे ध्यान ही नहीं देता था। खेत में आम, अमरूद, अनार और कई फलों के पेड़ थे। लेकिन पानी और खाद की कमी से सूख गया था। वो भगत तो कभी भी वहा जाता ही नहीं था। पूर्वजो की महेनत की कमाई से अपना घर चलाता था। लेकिन वो आलसी भगत कुश भी नहीं करता था।
दिन भर आराम सिर्फ आराम ही करता था। एक दिन भगत सो रहा था तब उसे एक स्वप्न आया की तेरे खेत में बहुत धन है। वहा खुदाई करेगा तो मिलेगा। सुबह होने के साथ ही भगत कुदाली और फावड़ा लेकर खेत में चला गया। भगत को ऐसा लगा की एक बार धन मिल जाये तो पूरी जिन्दगी काम ही नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ आराम ही आराम! दोपहर होते ही उसकी पत्नी खाना लेकर आई लेकिन खाना छोड़कर उसने अपना काम चालू ही रखा, धन मिलेगा उसकी आशा में आलसी भगत ने पुरे खेत की जमीन की खुदाई करदी। लेकिन धन तो मिला ही नही। अंत में निराश होकर भगत बैठ गया।
बहुत सालो से खेत ऐसे वैसे थी लेकिन इस साल खुदाई होने से पूरा खेत ठीक हो गया था। बारिस भी बहुत हुई और भगवान की महरबानी से फल भी बहुत आये। भगत ने फल भी बहुत बेचे। भगत भगवान का सुक्रिया भी अदा करता था। और खुश हुआ था की इतने ज्यादा फल इस खेत से कभी नहीं मिला था।
दोस्तों अगर कोई भी महेनत करे तो उसका फल भगवान जरुर देता है।
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