Friday 25 September 2015

Love Shayari Page-4

Love Shayari Page-4

Shayari-1

लब पे ज़हन में तू मुहज़े को सदा रखना

मुझे को एक हरफ़ समझ कर ना तू . देना

आज क डोर में कौन अपना कौन पराया

दिल-ए-नाज़ ,टूटे हुवे रिस्तोन को तुम फिर से मिला देना"

Shayari-2

क्या सुख पाओगे तुम हमसे खफा हो कर

फूल भी सूख जाते हैं कांतो से जुड़ा होकर

Shayari-3

ऐसा भी हो उसे से मिला दे कोई

कैसा हैं वो इतना तो बता दे कोई

सुखी हैं बरी दैर से पलकों की ज़मीन

बस आज तो जी भर के रुला दे कोई

Shayari-4

अगर रुक जाए मेरी धड़कन तो...

इससे मौत ना समजना

काई बार ऐसा हुआ हैं

तुझे याद करते करते

Shayari-5

मेरी आवारगी में कुछ दखल है तुमहरा भी

तुम्हारी याद आती हैं तो घर अच्छा नही लगता

Shayari-6

कैसे गुज़रती हैं मेरी हर एक शाम तेरे बघैर

अगर तू देख ले तो........

कभी तन्हा ना छोरे मुझे"

Shayari-7

आईना देख कर ख़याल आया

आज कल उनकी दोस्ती कम हैं

तेरे दम से ही मई मुकम्मल हू

बिन तेरे तेरी यादों का सहारा कम है"

Shayari-8

बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर

शब भर नही सोते तेरी याद में अक्सर

बेदर्द ज़माने का बहाना सा बना के
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर"

Shayari-9

जिसे माना काश वो हमारा होता,

ख्वाइश का भी कोई किनारा होता,

ये सोच कर मैने उसको रोका नही,

दूर ही क्यू जाता अगर वो हमारा होता

Shayari-10

वो रह ना पाए एक पल मेरे बिना

खुदा उनको तू मेरा अपना सा करदे

में ही थम सकु हाथ उनका

बाकी दुनिया क लिए उनको तू सपना करदे

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