
शुरुआत कुछ इसी थी कि इनकी कंपनी एसयूवी स्पोर्कीयो बनाने में फोर्ड मोटर्स कि मदद चाहती थी। फोर्ड कि मोटर्स को स्पोर्कियो का मॉडल और महिंद्रा कि प्लानिंग पसंद आई थी। उनके वाइस चेयरमैन ने फोर्ड के इंजिनियर कि मदद का भी प्रस्ताव दे दिया था। लेकिन फोर्ड के चेयरमैन ने कहा- नहीं, फोर्ड के इंजिनियर कि मदद नहीं मिलगी। इन्हें खुद इनके दम पर यह काम तैयार करने दो। यदि ये इतनी लागत में एसी कार तैयार कर पाते हैं, तो हमें इनसे सिखने में जरुरत होगी। फोर्ड के प्रेसिडेंट कि इस पेशकस ने महिंद्रा को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि आखिर यह प्रस्ताव मैंने क्यों नहीं दिया?
कल हो अच्छा- Yesterday Good
एक स्टूडेंट्स से कहा कि आपका आईआईएम-ए में होना यह साबित करता हैं कि आप जब तक अपनी जिंदगी में मेहनत करते आए हैं। यहाँ अपना एक-एक पल जिया हैं और इसे अपना अब तक का सबसे अच्छा समय मानते हो लेकिन मैं उम्मीद करता हूँ कि इतना अच्छा पर्दर्शन करे कि आने वाला कल आज से भी अच्छा हो। अपने आने वाले कल को अपने आज से बेहतर बनाने के लिए मैं शुभकामना देता हूँ।
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