Tuesday, 20 October 2015

मेहनत VS रचनात्मक मेहनत हिंदी कहानी- Hard Work Vs Smart Work Hindi Story

सबसे ज्यादा मेहनत कौन करता है? मजदूर या बड़ी कंपनी का मालिक?

मजदूर गर्मी और सर्दी की परवाह किये बगैर सबसे अधिक मेहनत करता है और कंपनी का मालिक एयरकंडीशनिंग ऑफिस में बैठकर दिशानिर्देश देता है। लेकिन फिर भी कंपनी के मालिक की आमदनी, मजदूर की आमदनी से हजारों गुना अधिक होती है। ऐसा हम हर क्षेत्र में देखते है कि जैसे जैसे मेहनत कम होती जाती है वैसे वैसे आमदनी बढती जाती है। ऐसा क्यों? क्या मेहनत की कोई कीमत नहीं?

मेहनत की कीमत Hard Work Story In Hindi 

एक गरीब मजदूर था। वह हर रोज कड़ी मेहनत करके पास में ही स्थित पहाड़ी से पत्थर तोड़ता और बाजार में जाकर उसे बेच देता जिससे उसका रोज का घर खर्च मुश्किल से निकल जाता। एक दिन वह पत्थर बेचने एक कारीगर की दुकान पर गया तो उसने देखा कि कारीगर बहुत सुन्दर पत्थर व्यापारी को हजारों रूपये में बेच रहा था। उसने कारीगर को पूछा कि यह इतने कीमती पत्थर कहाँ मिलते है। कारीगर ने कहा कि यह वही पत्थर है जो तुमने मुझे बेचा था, मैंने तुम्हारे पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े करके इनको अपनी कारीगरी से सुन्दर बनाया है।

कारीगर की बात सुनकर मजदूर बड़ा दुखी हुआ उसने कहा- “दुनिया में मेहनत की कोई कीमत ही नहीं। मैं रोज 12 घंटे कड़ी धूप में मेहनत करके पत्थर तोड़कर लाता हूँ लेकिन मुझे 100-200 रूपये मुश्किल से मिलते है और तुम छ:-सात घंटे आराम से बैठकर काम करते हो फिर भी तुम्हारी आमदनी मुझसे सौ गुना अधिक है।कारीगर ने कहा- किसी वस्तु का मूल्य इस बात से निर्धारित नहीं होता कि वह कितनी मेहनत करके बनाई गयी है, उसका मूल्य इस बात से निर्धारित होता है कि उसकी उपयोगिता क्या है या वह कितनी उपयोगी है।

Hard Work + Intengligence = Success

दुनिया में इन्सान से हजारों गुना शक्तिशाली प्राणी मौजूद है लेकिन फिर भी मनुष्य को सबसे शक्तिशाली प्राणी कहा जाता है क्योंकि इन्सान अपनी बौद्धिक क्षमताओं से कुछ भी कर सकता है।

रॉबिन शर्मा ने लिखा है- आपका मूल्यांकन इस बात से नहीं होगा कि आपने कितनी मेहनत की है बल्कि इस बात से होगा कि आप कितना मूल्य जोड़ते है। अगर आपको बीस डॉलर प्रति घंटा तनख्वाह मिलती है तो यह पैसा आपको सिर्फ अपनी मेज पर बैठने के लिए नहीं मिलते बल्कि इसलिए मिलता है क्योंकि आपने साठ मिनट के अन्दर बीस डॉलर के लायक दिखाई देने वाला मूल्य जोड़ा है।

मेहनत के बिना कुछ नहीं किया जा सकता लेकिन जब तक मेहनत में बुद्धि एंव रचनात्मकता का उपयोग नहीं किया जाता तब तक मेहनत की कोई कीमत नहीं। आप चीजों को रचनात्मकता के द्वारा जितना उपयोगी बनाते है उनका मूल्य बढ़ता जाता है। इंसान के पास सबसे शक्तिशाली “बुद्धि” होती जिसके द्वारा वह कुछ भी कर सकता है। हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कैसे रचनात्मकता के द्वारा समस्याओं को हल करते है। मेहनत का कोई Short Cut नहीं होता लेकिन जब मेहनत के साथ रचनात्मकता का उपयोग किया जाता है तो हर कार्य आसान हो जाता है।

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