Monday, 23 November 2015

कौरवो और पांडवो के नाम हिन्दी

कौरवो और पांडवो के नाम
महाभारत की कथा में सौ कौरव और पाँच पांडव थे वास्तव में 102 कौरव थे जिसमे एक बहन और एक दासी पुत्र था एवम पांडवो का भी एक और भाई था जिसका नाम कर्ण था। कौरवो के पूर्वज राजा शान्तनु थे जिनका पहला विवाह गंगा से हुआ था जिनकी संतान देवव्रत थी जिन्हें भीष्म के नाम से जाना जाता हैं। शांतनु की दूसरी रानी मत्स्य राज्य की पुत्री सत्यवती थी जिनकी महत्वकांक्षा के कारण देवव्रत को प्रतिज्ञा लेनी पड़ी जिसमे उन्होंने अपनी सौतेली माँ को वचन दिया कि वह आजीवन अविवाहित रहेंगे एवम राज्य के सिंहासन की रक्षा करेंगे पर कभी राजा नहीं बनेगे। 

इस प्रतिज्ञा के कारण देवव्रत का नाम भीष्म पड़ा और उन्हें पिता शान्तनु ने इच्छा मृत्यु का वरदान दिया जिसके तहत उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि वे जब तक प्राण त्याग नहीं सकते जब तक कि हस्तिनापुर की राज गद्दी पर धर्म का राज न हो। अतः भीष्म ने आजीवन हस्तिनापुर की राज गद्दी की रक्षा की। सत्यवती का एक पुत्र था विचित्रवीर्य जिनकी अम्बे एवम अम्बालिका से हुई जिन्हें भीष्म स्वयंबर से उठाकर लाये थे। इनके दो पुत्र थे धृतराष्ट्र एवम पांडू। धृतराष्ट्र के पुत्र थे कौरव एवम पांडू के पुत्र थे पांडव। धृतराष्ट्र की पत्नी थी गांधारी जिनसे उन्हें एक सो दो सन्तान थी और एक संतान दासी की थी। पांडू की दो पत्नियाँ थी एक कुंती एवम एक माद्री। कुंती के तीन पुत्र थे एवम माद्री के दो।

* कौरवो के नाम (Name Of Kaurava In Hindi)

1.  दुर्योधन
2.  दुःशासन
3.  जलसंघ
4.  अनुविंद
5.  दुःसह
6.  जरासंघ
7.  चित्रायुध
8.  सोमकीर्ति
9.  बालाकि
10.  अनूदर
11.  वृन्दारक
12.  विरज
13.  उग्रश्रवा
14.  सुहस्त
15.  दृढ़हस्त
16.  दुषप्रधर्षण
17.  सुलोचन
18.  विंद
19.  सत्वान
20.  दुर्मुख
21.  दुष्कर्ण
22.  उपचित्र
23.  चित्राक्ष
24.  चारुचित्र
25.  शल
26.  दुर्मर्षण
27.  सुनाभ
28.  दुर्मद
29.  शरासन
30.  चित्रकुण्डल
31.  ऊर्णनाभ
32.  दुर्विगाह
33.  विकटानन्द
34.  उपनन्द
35.  नन्द
36.  विवित्सु
37.  चित्रकुण्डल
38.  चित्रांग
39.  चित्रवर्मा
40.  महाबाहु
41.  दुर्विमोचन
42.  अयोबाहु
43.  भीमबल
44.  सुवर्मा
45.  भीमवेग
46.  निषंगी
47.  चित्रबाण
48.  सुषेण
49.  सम
50.  विकर्ण
51.  दुःशल
52.  दुर्धर्ष
53.  सुबाहु
54.  चित्र
55.  सह
56.  कुण्डधर
57.  पाशी
58.  दृढ़कर्मा
59.  कुण्डाशी
60.  अमाप्रमाथि
61.  सुवीर्यवान
62.  दुह्शाला (बहन)
63.  महोदर
64.  सद्सुवाक
65.  बलवर्धन
66.  उग्रायुध
67.  सत्यसंघ
68.  दुराधर
69.  दृढ़क्षत्र
70.  दढ़संघ
71.  विशालाक्ष
72.  दृढ़वर्मा
73.  कुण्डशायी
74.  अपराजित
75.  उग्रसेन
76.  सेनानी
77.  वातवेग
78.  दीर्घरोमा
79.  भीमविक्र
80.  कुण्डी
81.  उग्रशायी
82.  क्रथन
83.  कवचि
84.  दुष्पराजय
85.  विरवि
86.  बह्वाशी
87.  सुवर्च
88.  नागदत्त
89.  कनकध्वज
90.  आदित्यकेतु
91.  धनुर्धर
92.  सुजात
93.  कुण्डभेदी
94.  अनाधृष्य
95.  अलोलुप
96.  दृढ़रथाश्रय
97.  प्रधम
98.  युयुत्सु
99.  वीरबाहु
100.  दीर्घबाहु
101.  अभय
102.  सुखदा (दासी पुत्र)

* पांडवो के नाम (Name Of Pandava In Hindi)

1. अर्जुन
2. भीम
3. युधिष्ठिर
4. सहदेव
5. नकुल

महाभारत से जुडी कई कहानियाँ हैं जिन्हें पढ़कर आप अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। यह एक बहुत बड़ा ग्रन्थ हैं जिसने कलयुग की रचना की हैं। महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित इस महाभारत में धर्म एवम अधर्म की लड़ाई के बीच कलयुग का जन्म बताया हैं। कहते हैं अभी तो कलयुग के केवल पाँच हजार साल ही बीते हैं कई लाखो वर्ष बीतना बाकी हैं। महाभारत हिन्दुओं का प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो हिन्दू धर्म के उन धर्म-ग्रन्थों का समूह है, जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे। कभी-कभी सिर्फ़ 'भारत' कहा जाने वाला यह काव्य-ग्रंथ भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है, हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। 

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