Tuesday, 17 November 2015

अपने काम पर प्रेम करे हिंदी कहानी

Love Your Work Moral Stories In Hindi

latest moral stories, hindi moral kahani, all hindi storiesएक सुशिल व्यक्ति एक निर्माण कार्य चल रहे मंदिर को देखने के लिए गए जहा एक मूर्तिकार किसी भगवान की मूर्ति बना रहा था। और अचानक उसने देखा की कुछ मुर्तिया पानी में डूबी हुई है। और आश्चर्यचकित होकर उसने मूर्तिकार से पूछा की, क्या तुम्हे एक ही भगवान् के दो मूर्तियों की जरुरत है?

मूर्तिकार ने उसकी तरफ देखे बगैर कहा, नहीं, हमें सिर्फ एक चाहिये, लेकिन पहली मूर्ति बनाते वक़्त आखिरी समय में Damage हो गयी थी। उस सुशिल व्यक्ति ने मूर्ति की जांच की और पाया की वहा कोई Damage नहीं है। उसने मूर्तिकार से पूछा, कहा है Damage?

मूर्तिकार अपने काम में व्यस्त था, उसने जल्दबाजी से कहा की, उस मूर्ति की नाक में थोड़ी खरोच है। तब उस व्यक्ति ने दूसरा प्रश्न पूछा की, तुम इस मूर्ति को कहा पर स्थापित करोंगे? तब उस मूर्तिकार ने कहा की इस मूर्ति को 20 फीट उचे पिल्लर पर स्थापित किया जायेंगा।

तब उस सुशिल व्यक्ति ने पूछा की, जब यह मूर्ति इतनी उचाई पर होंगी, तो किसे दिखेंगा की मूर्ति की नाक पर खरोच है? तब अंत में मुर्तिकार ने अपना काम छोड़ा और उपर उस व्यक्ति और तरफ देखते हुए, मुस्कुराया और कहा, इसे मै जानता हु और वो भगवान् जानते है, क्या ये काफी नहीं है?

दोस्तों इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमें अपना काम इच्छापूर्वक श्रेष्टता से करना चाहिये फिर चाहे हमारे काम की सराहना हो या ना हो, हमें वो इमानदारी से करना चाहिये। श्रेष्टता ये भीतर से ही आती है ना की बाहर से। हमें कोई भी श्रेष्ट काम खुद के Satisfaction के लिए करना चाहिये, ये जरुरी नहीं है की कोई उसे परखे, हम अगर अपने काम में जरा भी कमी लगती है तो हमे दुसरो के सलाह की परवाह की चिंता किये बिना उसे पूर्ण रूप से करना चाहिये।

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