Thursday, 10 December 2015

सदमार्ग चिंतामुक्त होता हैं हिंदी कहानी

short hindi storyरामकथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संत ध्यानीराम महाराज ने कहा कि सत्संग करने से मनुष्य को सदमार्ग मिलता है। कई अच्छी और सात्विक बातों से उनका मन साफ और स्वच्छ होता है। सत्संग के लिए कभी भी कोई जाति-पांति का भेद नहीं होता है। सत्संग का लाभ किसी भी उम्र में उठाया जा सकता है। सत्संग के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं होती है। इसलिए मनुष्य को अच्छे और बुद्धिजीवी, बुजुर्ग, शिक्षक, साधु संत की संगति करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि गुरू चाहे कैसा ही हो उसके बिना मार्ग के बताए मनुष्य को उसके जीवन की सफलता का मार्ग नहीं मिल पाता। इसी प्रकार संतो का जीवन दूसरों के उपकार के लिए ही बना है। क्योंकि संत ही ऐसा गुरू होता है जो कि बिना स्वार्थ के अपने शिष्यों को ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। गुरु की कृपा के बिना भगवत प्राप्ति संभव नहीं है। क्योंकि गुरु ही हमको सही दिशा देकर सदमार्ग की ओर ले जाता है। तो चलो देखते है ऐसी ही एक छोटी सी कहानी।
hindi moral story

एक दिन कि घटना थी राजा के पुत्र ने एक गंभीर अपराध किया जिस पर प्रजा में बात होने लगी कि अब राजा क्या निर्णय लेंगे। लेकिन राजा ने अपने पुत्र को गंभीर अपराध की कड़ी सजा दी। पर इसके बाद भी राजा के लिए अपशब्द सुनाई देने लगे। प्रजा में काना फूसी शुरू हो गई। यह देख राजा अत्यंत दुखी थे। एक दिन उन्होंने अपने विद्वान् मंत्री से इस विषय पर बात की कि हे महामंत्री ! हमने तो न्यायसंगत ही निर्णय लिया पर इस अपयश का क्या कारण हो सकता हैं ?

मंत्री ने सरलता से उत्तर दिया- हे महाराज जब आसमान में बदली छाती हैं तो एक छोटा सा बादल भी सूर्य के तेज को कम कर देता हैं लेकिन बादल छटते ही सूर्य अपने तेज के साथ पुनह निकलता हैं उससे उसकी ख्याति में कोई प्रभाव नहीं पड़ता। आपके बेटे से बड़ा अपराध हुआ हैं लेकिन आपका निर्णय न्याय संगत हैं इसलिए आपके यश में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह सुनकर राजा को संतुष्टि का अनुभव हुआ और वे अपने कार्यो में लग गए।

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की जब इंसान धर्म के मार्ग पर न्याय संगत निर्णय लेता हैं तो उसे डरने की जरुरत नहीं होती। अगर सत्य मार्ग ही जीवन हैं तो मनुष्य को अपने कर्म करते रहना चाहिए किसी तरह के अपयश की चिंता में नहीं पड़ना चाहिये। उसी तरह जब राजा न्यायप्रिय होता हैं तो प्रजा में संतुष्टि का भाव होता हैं और वह राज्य समृद्ध और खुशहाल होता हैं।

आज के समय में यह बात नेताओं पर लागू होती हैं देश में नेता भ्रष्ट हैं इसलिए जनता में आक्रोश और निर्बलता का भाव हैं। और इसी कारण देश में आये दिन क्राइम बढ़ते ही चले जा रहे हैं क्यूंकि देश के शीर्ष पर बैठने वाले यह नेता भी अपराधी हैं। जब तक प्रधान में उचित गुणों का समावेश नहीं होता तब तक उससे जुड़े लोगों में इसकी अपेक्षा रखना गलत हैं। आज देश में क्राइम ने इतना आतंक फैला दिया हैं कि यकीन का नाम ही ख़त्म हो गया हैं। जिस कारण आज कल विश्वासघाती को नहीं दुनियाँ विश्वास करने वालो को कोसती हैं।

हमारे इस ब्लॉग की सभी कहानियाँ जीवन में बहुत मायने रखती हैं। कई बार बड़ी से बड़ी डिग्री भी ज्ञान नहीं देती और एक छोटी सी कहानी जीवन बदल देती हैं। शिक्षाप्रद कहानी को आधार बनाकर अपने बच्चो को जीवन का सच्चा ज्ञान दे। सच्चाई हमेशा सदमार्ग पर ले जाती है। झूठ मनुष्य को अंधकार में डुबोता है। हमेशा प्रभु को याद रखो। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि अधूरा ज्ञान कभी अर्जित करो। हमेशा पूर्ण ज्ञान ग्रहण करो। और हमारे ब्लॉग को आगे बढ़ने में हमारी मदद करे।

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