Dont Lose Your Courage Hindi Motivational Stories
राजपुर गाँव में एक दिन एक हरी किसान का गधा निर्बुद्धि कुएँ में गिर गया।वह गधा निर्बुद्धि घंटों ज़ोर ज़ोर से रोता रहा और हरी सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं। अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि गधा निर्बुद्धि काफी बूढा हो चूका था,अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था;और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ। हरी ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया।
सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही गधे निर्बुद्धि कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है ,वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा। और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे। तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया।
अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा निर्बुद्धि एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था। वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था।जैसे-जैसे किसान हरी तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एस सीढी ऊपर चढ़ आता। जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह गधा निर्बुद्धि कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।
ऐसे ही मित्रो, ध्यान रखो ,तुम्हारे जीवन में भी तुम पर बहुत तरह कि मिट्टी फेंकी जायेगी ,बहुत तरह कि गंदगी तुम पर गिरेगी। जैसे कि ,तुम्हे आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही तुम्हारी आलोचना करेगा ,कोई तुम्हारी सफलता से ईर्ष्या के कारण तुम्हे बेकार में ही भला बुरा कहेगा। कोई तुमसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो तुम्हारे आदर्शों के विरुद्ध होंगे। ऐसे में तुम्हे हतोत्साहित होकर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हिल-हिल कर हर तरह कि गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख लेकर,उसे सीढ़ी बनाकर,बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।
अतः याद रखो !जीवन में सदा आगे बढ़ने के लिए नकारात्मक विचारों को उनके विपरीत सकारात्मक विचारों से विस्थापित करते रहो। आलोचनाओं से विचलित न हो बल्कि उन्हें उपयोग में लाकर अपनी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करो। एक पुरानी कहावत है कि ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ अर्थात हार जीत तो बस हमारी सोच है, हम उसके प्रति किस प्रकार सोचते हैं। नकारात्मक सोचने पर जीत भी हार के समान है। सकारात्मक सोचने पर हार भी जीत के समान है। जीत हार, हर्ष, उल्लास, सफलता, असफलता सब मन से उपजती है। हमारी सोच से उपजती है। कई परिस्थितियों में व्यक्ति हार कर भी जीत जाता है। भाग्य पर भरोसा रखें, लेकिन उस पर आश्रित न रहें, क्योंकि मेहनत के बिना भाग्य नहीं चमकता।
प्रेरक कहानी।
ReplyDeleteप्रेरक कहानी।
ReplyDeleteyes sir
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