Wednesday 16 December 2015

अच्छाई को अपने साथ ही रखे हिंदी प्रेरणादायक कहानी

Goodness Of The Heart Hindi Inspirational Story

real life inspirational stories in hindi
एक अच्छा जीवन जीने की कोशिश एक अंतहीन और थकाऊ भरा काम है। हम अपने बुरे कामों से दूर रहने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। क्यों कि हम एक तटस्थ दुनियाँ में नहीं रहते हैं, बल्कि ऐसी दुनियाँ में जहाँ लालच, जरूरतें, और तकलीफ़ें हैं, हम हमारी पूरी एकाग्रता और शक्ति से अच्छे काम करने का प्रयास करते हैं। अच्छी और बुरी शक्तियों का जीवित कार्य ठीक एक दूसरे के विपरीत होने से इन दोनों में सदैव संघर्ष रहता है । अच्छाई और बुराई का यह संतुलन कभी भी स्थिर नहीं होता, अपितु समय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है ।

मानव जीवन कई तरह के कार्य करता है। उसके पीछे कई अच्छाइयां होती हैं तो कई बुराइयां। उसमें से सबसे बुरा है किसी की बुराई करना। भगवान शिव व मां पार्वती ने संसार को अच्छाई व बुराई का फर्क सिखाया। उन्होंने नर्क व स्वर्ग में रहने वाले लोगों का अंतर किसी न किसी माध्यम से लोगों तक पहुंचाया। हमारे जीवन में अच्छाई को बहाल करने के लिए विभिन्न प्रकार के सुझाव लोग देते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि ज्ञान ही अच्छाई को प्राप्त करने की कुंजी है। लोगों को हम जितना अधिक उपदेश देंगे, वे उतने ही अच्छे और बेहतर बन जायेंगे। परन्तु लोग अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए या धोखा करने के लिए प्रयोग करते हैं। तो चलो देखते हो कुछ ऐसी ही एक अच्छी कहानी.

दो मित्र एक दिन साथ कश्मीर घूमने निकले और यात्रा के दौरान चलते चलते निजी बात पे कहा सुनी हो गयी । एक मित्र  ने दुसरे को थप्पड़ मार दिया । थप्पड़ खानें वालें मित्र  को चौट लगी दुःख भी हुवा लेकिन कुछ बोले बिना वो निचे बैठ गया और रेत पे लिख दिया आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा फिर वो दोनों आगे चलने लगे ।

आगे उन्होनें एक जील देखि और उसमे स्नान करने का फैसला किया । स्नान करते समय जिसने थप्पड़ खाया था वो दोस्त पानी मै डूबने लगा तो दुसरे दोस्त ने उसे खिंच के बहार निकाल के बचा लिया । फिर वो जैसे उठा वो एक पथ्थर पे लिखने लगा की आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मेरा जीवन बचाया तो जिसने अपने मित्र को थप्पड़ मारा था और जान बचाई थी वो उससे पूछने लगा की जब मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पे लिखा लेकिन जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमने पथ्थर पे लिखा ऐसा क्यों ?

दुसरे मित्र ने जवाब दिया की जब कोई हमें दुःख पहोचाता है तो उसे रेत पे लिखना चाहियें जिससे जब भी हवा चलेगी तो वो मिट जायेगा लेकिन जब कोई अच्छा काम करता है तो उसे पथ्थर पे लिखना चाहिए जिससे उस अच्छाई को कोई हवा मिटा न सके ।

तो मित्रो बुराईयों को हमेशा भूल जाना और अच्छाईओ को हमारे दिल मै हमेशा जिंदा रखना चाहिए. इस कहानी से हमें यही सिख मिलती है. जब कभी भी आपका पाला किसी बुरे आदमी से पड़े तो आप उसकी बुराई को खत्म करने के लिए खुद भी बुरे मत बन जाइएगा बल्कि उस आदमी की बुराई को अपनी अच्छाई द्वारा समाप्त करने की कोशिश करें।

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