Friday 25 September 2015

Love Shayari Page-5

Love Shayari Page-5

Shayari-1

जब से उन से नज़ारे

मीले तब से बुरा हाल है

हर घरी हर वक्त बस उन का ख़याल है

Shayari-2

कल रात मेरी आँख से,एक आँसू निकल आया,

मैने पुछा तू बाहर क्यों आया,

तो उसने बताया,कोई इन आँखो मे इतना है समाया,

की मैं चाह कर भी जगह ना बना पाया..

Shayari-3

यह देखा हमने खुद पर आजमा कर,

धोखा देते हैं लोग खुद करीब आ कर,

कहती है दुनिया पर यह दिल नहीं मानता ,

के छोड जाओगे तुम भी इक दिन आपना बनाकर….

Shayari-4

उतरी रहती है एक गार्ड मुझमे..

कौन फिरता है दर बदर मुझमे..

मुझको मुझी में जगह नही मिलती..

वो है मोजूद इस क़दर मुझमे.....

Shayari-5

सपने हैं यादें हैं और बहुत कुछ,

तुम हो तुम्हारी बातें हैं और बहुत कुछ,

नही चाहते हम तुम को भूलना,

मगर दूरी है एक मजबूरी है ओर बहुत कुछ

Shayari-6

सावन ने भी किसीसे प्यार किया था

उसने उसे बादल का नाम दिया था

रोते थे दोनो एक दूसरे की जुदाई मे

और लोगो ने उसे बारिस का नाम दिया था.

Shayari-7

वो तो ऐसा था क एक आँसू गिरने की भी वजा पूछा करता था

पर ना जाने क्यू अब उससे बरसात की पहचान नही होती"

Shayari-8

मुझे मालूम हैं मेरा मुक़द्दर तुम नही लेकिन,

मेरी तक़दीर से छुप कर एक बार मेरे हो जाओ

Shayari-9

बोला था ना, चोड कर जाओंगे तो मर जउंगा .

अब तो मान जाओ के, मैं झूट नही बोला करता था .

Shayari-10

मेरी खामोशियों का राज़ मुझे खुद नही मालूम
"मोहसिन"

जाने फिर क्यू लोग मुझे मघरोर समझते हैं;

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