Sunday 11 October 2015

मेरा पहला प्यार हिन्दी प्रेम कहानी- She was my first love Hindi Love Story

love storiesमेरा नाम माधव है और आज मैं आपके साथ अपनी एक सची Love Story शेर कर रहा हूँ। मुझे याद है अपना पहला प्यार “हर्षाली” जिससे मुझे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था। हर्षाली इतनी ब्यूटिफुल थी की उसके फेस से मेरी नज़रें हटती ही नही थी। जब मैं उससे पहली बार मिला था तब ही मुझे पता चल गया था की हर्षाली ही वो लड़की है जिस के साथ मैं अपनी पूरी लाइफ खुशी खुशी बिता सकता हूँ। हर्षाली मेरे कॉलेज में पड़ती थी और मैं रोज कॉलेज सिर्फ़ हर्षाली को देखने जाता था। 

मैं रोज कोशिश करता की किसी तरह उससे बात करूँ पर मेरी हिम्मत ही नही हो पाती थी, पर अच्छि बात यह थी की हम दोनों के बहुत सारे कामन फ्रेंड्स थे जिन्होने मेरी हेल्प की उससे बात करने में। और इस तरह हम रोज बातें करने लगे और कुच्छ ही दिनों में अच्च्चे दोस्त भी बन गये, मैं तो हर्षाली से प्यार करता था और हर्षाली भी मुझे पसंद करने लगी थी। कुच्छ ही महीनो में हम दोनों एक दूसरे के काफ़ी करीब आ गये और एक दूसरे के साथ काफ़ी टाइम स्पेंड करने लगे। 16 अप्रैल को हर्षाली का birthday था और उस दिन हर्षाली और मैं पहली बार कहनिन बाहर घूमने गये। 

मैं बहुत खुश था उस दिन। मैने उसी दिन जिया को बतया था की मैं उससे पायर करने लगा हूँ और जब हर्षाली  ने  मुझे यह कहा की वो भी मुझे पसंद करती है और प्यार भी करने लगी है  है तो मैं खुशी से पागल हो गया था। उसके birthday के दिन हम दोनों ग्रीन पार्क घूमने गये थे। हम दोनों ने वहीं बैठा कर काफ़ी टाइम बातें भी की और काफ़ी कुच्छ एक दूसरे के  साथ शेर भी किया। उसी दिन मैने हर्षाली को पहली बार किस भी किया था। मैं हर्षाली को बहुत प्यार करने लगा था और मैने डिसाइड कर लिया था की अब मैं सिर्फ़ हर्षाली से ही शादी करूँगा, पर अभी मेरी पड़ाई फिनिश नही हुई थी तो अपने घरवालो को यह सब बताना सही नही लग रहा था। 

एक साल बाद हमने अपना घर चेंज कर लिया जो हर्षाली के घर से काफ़ी दूर था पर फिर भी हम दोनों मिला करते थे। हम दोनों ही हिंदू कल्चर से थे जहाँ अभी भी शादी से पहले घूमना और मिलना सही नही माना जाता। इसलिए मैने डिसाइड किया की हम दोनों अपने घर में बता देंगे की हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते हैं और एक दूसरे के साथ शादी करना चाहते है। हम दोनों की फॅमिलीस पहले से ही एक दूसरे को जानते थे तो मुझे लगा की शायद हमारी फॅमिलीस हमारी शादी के लिए मान जाएँगी। हर्षाली के पापा नही थे तो हर्षाली के चाचा ही उनकी फॅमिली में डिसिशन लेते थे।

आख़िर मैने अपने घर में बता दिया की मैं हर्षाली से प्यार करता हूँ और उसके साथ शादी भी करना चाहता हूँ, और किसी तरह मैने अपने मम्मी पापा को कन्विन्स कर लिया। और एक दिन उन्होने हर्षाली के फॅमिली से मिलने का प्लान बनाया। जिस दिन हम हर्षाली के घर उसकी फॅमिली से मिलने गये थे उस दिन मैं भी अपने मम्मी पापा के साथ में गया था। हम सभी बैठ कर बातें कर रहे थे, हर्षाली के चाचा जी मुझसे बहुत सवाल जवाब कर रहे थे जो मुझे अच्च्छा नही लग रहा था। शायद वो नही चाहते थे की हर्षाली की शादी मेरे साथ हो क्यूंकी मैं उस टाइम पर कॉलेज स्टडीस फिनिश कर रहा था।

खैर कुछ दिनों बाद हर्षाली के चाचा ने शादी करने से यह कह कर माना कर दिया  की हर्षाली अभी छोटी है और अभी और पड़ना चाहती है। मैं जनता था की यह सब झूठ है। शायद हर्षाली की फॅमिली को मैं पसंद नही था इसलिए उन्होने ऐसा कहा।  मुझे बहुत बुरा लगा। पर हर्षाली और मेरा प्यार एक दूसरे के लिए कम नही हुआ और हम अभी भी अक्सर मिला करते थे। हमने एक दिन डिसाइड भी किया की अगर हमारी फॅमिली शादी के लिए अग्री नहीं होगी तो हम कहीं भाग कर शादी कर लेंगे। !!  पर पता नही किस तरह से हर्षाली के फॅमिली को यह पता चला गया और उन्होने हमारा मिलना भी बंद करवा दिया 

मेरी एक बेस्ट फ्रेंड थी नेहा जिसके साथ में अपनी हर बात शेर करता था वो जानती थी की मैं हर्षाली से बहुत प्यार करता हूँ और उसने बहुत बार हमारी एक दूसरे से मिलने में हेल्प भी की। पर हर्षाली के अंकल काफ़ी स्ट्रिक्ट थे और उन्होने एक दिन पोलीस स्टेशन में मेरी कंप्लेंट भी कर दी। अब मेरा और हर्षाली का मिलना बिल्कुल ही बंद हो गया था।

मैं काफ़ी अकेला महसूस  करने लगा था। मैं हर्षाली को बहुत प्यार करता था। पर उस टाइम पे नेहा ने मेरा काफ़ी साथ दिया। धीरे धीरे मुझे लगने लगा था की अब हर्षाली और मेरा रिलेशन्षिप नही चल पाएगा और मैं नही चाहता था की हर्षाली को इस बात से बुरा लगे। मैं हमेशा हर्षाली को खुश देखना चाहता था इसलिए मैने डिसाइड किया की मैं किसी और से शादी कर लूँगा, और एक दिन मैने नेहा से यह बात कही । नेहा शायद मुझे पसंद करती थी तो उसने मेरे सामने शादी का प्रपोज़ल रख दिया। 

मैने भी यह सोचकर हन करदी की शायद हर्षाली मेरी शादी की बात सुनकर मुझको भूल जाएगी। और हुआ भी यही कुछ सालों बाद मुझको किसी ने बतया की हर्षाली की शादी हो गयी है और अब वो दूसरी सिटी में रहती है। शायद हर्षाली मुझे भूल गयी थी  but my love for Meeta is unconditional। आज इस बात को 14 years हो चुके हैं। मेरी वाइफ नेहा मुझसे बहुत प्यार करती है और मैं भी नेहा को खुश रखने की पूरी कोशिश करता हूँ। पर हर्षाली को शायद कभी भी भूल नही पाउँगा।

आज ये लव स्टोरी यहाँ पोस्ट करके शायद मैं सोचता हूँ की वो अगर इसे पढ़े तो उसे पता चले की दर असल मुझे उसी से प्यार है और मैं हमेशा उसको खुश देखना चाहता हूँ। मैं आज भी हर्षाली को भूल नही पाया हूँ।

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