Tuesday, 13 October 2015

वो जहा भी रहे खुश रहे हिंदी प्रेम कहानी- They Were Also Happy Love Story in Hindi

hindi love story, love story in hindi, हिंदी लव कहानी, हिंदी प्रेम कहानीदोस्तों मेरा नाम रिंकल है मैं Agra की रहने वाली हूँ, यहाँ मैं अपने घर वालो के साथ रहती हूँ और साथ-साथ अपनी B.C.A की पढ़ाई भी कर रही हूँ। मैं अपनी मम्मी की अक्सर घर के हर काम में भी हेल्प करती हूँ। आज मैं अपनी स्टोरी की हेल्प से अपनी लाइफ से जुड़ी एक रियल love story शेर करने जा रही हूँ जो मेने लाइफ में बहुत important रखती है।

बात तबकि है जब B.C.A की स्टूडेंट थी तो वहाँ मेरी क्लास में एक लड़का पढ़ा करता था जिसका नाम नैमिष था वो बहुत सिंपल और स्मार्ट लड़का था और उसका नेचर भी बहुत अछा था वो सबकी रेस्पेक्ट करना जाता था और उसकी यही बात मुझे बहुत अची लगती थी जिससे मैं उसे पसंद करने लगी थी but हम एक दूसरे से बात नहीं करते थे क्यूंकी हम दोनो एक दूसरे को जानते तक नहीं थे।

फिर जब हमारे exam नज़दीक आए तो हमैन प्रॅक्टिकल फाइल्स बना कर कलाज में सब्मिट करनी थी तो अक्सर देखा जाता है की गर्ल्स इन चीज़ो में आयेज होती है ईवन टाइम पर फाइल बना कर सब्मिट कर देती है और बोय्स थोड़े ढीले होते है इन चीज़ो में और यही हाल मेरे क्लास के बोयस का भी था तो boys अक्सर गर्ल्स की फाइल्स ले कर अपनी फाइल्स बनते थे नहीं तो उन्हे से फाइल भी बनवा लिया करते है और ऐसा करते-करते सबने अपनी अपनी फाइल्स बना ली थी लेकिन नैमिष बहुत दीनो से कलाज नहीं आ रहा था तो शायद उसे इस बात का पता नहीं था की फाइल भी बना कर सब्मिट करनी है और ना ही मेरे पास उसका कोई कॉंटॅक्ट था की मैं उसे बता साकु फिर कुछ दीनो बाद नैमिष कलाज आया और तब जा कर उसे पता चला के फाइल बना कर सब्मिट भी करनी है और सबने अपनी-अपनी फाइल बना कर सब्मिट भी कर दी है और उसके पास सिर्फ़ आज का ही टाइम है। 

ये सुनके  वो कॉलेज में बहुत परेशन सा दिख रहा था उसने अपने दोस्तो से फाइल माँगी तो उन लोगो ने भी फाइल सब्मिट कर चुकी थी even सभी गर्ल्स ने भी सब्मिट कर दी थी फिर वो और परेशान हो गया फिर मैं खुद उसके पास गयी और उसे बोलने लगी के नैमिष कोई बात नहीं तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे फाइल बनाने में हेल्प कर दूँगी और वो खुशी खुशी मान गया और मेने उसे कुछ नोट्स दिए जिसकी हेल्प से उसने अपनी फाइल कंप्लीट कर ही ली और फिर उसने मुझे thank you बोला और उस दिन से हम बहुत आचे फ्रेंड बन गये। 

फिर exam के टाइम भी हम दोनो एक दूसरे की हेल्प करने लगे और एग्ज़ॅम के बाद हम दोनो एक दूसरे को इतना जानने लगे की हम दोनो रोज़ फोन में बात किया करने लगे और रात रात तक बात किया करते थे और फिर टाइम बीतता गया हम इतने close आ गयी की हम अक्सर हर week कही ना कही घूमने जया करते थे। एक दिन नैमिष ने मुझे प्रपोज़ किया और मेने भी उसे हां कर दी क्यूंकी वो मुझे पहले से ही जो पसंद था फिर उसके बाद नैमिष ने मुझे अपने घर वालो से भी मिलाया उसका एक छोटा था और एक छोटी बहन दोनो बहुत cute और अचे नेचर के थे साथ ही साथ नैमिष की मम्मी का भी बहुत अछा natute था। 

अब नैमिष और मैं एक दूसरे से इतना प्यार करने लगे थे के एक दिन भी एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। फिर एक दिन अचानक हमारे रिलेशन्षिप में प्रॉब्लम्स होने लगी क्यूंकी नैमिष को अब मुझे किसी भी लड़के से मिलना तो दूर उनसे बात करने में भी प्रॉब्लम्स होने लगी ना जानी क्यूँ अब वो इन असुरक्षित फील करने लगा था हम दोनो एक दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे फिर भी अब वो डरने लगा था जेसे हम अलग ना हो जाए और मैं भी तो यही चाहती थी की हम कभी अलग ना हो लेकिन अब वो कुछ ज़्यादा ही over react करने लगा था और छोटी-छोटी बात पर भी गुस्सा होने लगा था, मैं भी उससे बहुत प्यार करती थी इस लिए मेने उसके कहने पर किसी भी boys से मिलना तो दूर उनसे बात करना भी छोड़ दिया था लेकिन फिर भी नैमिष मुझपर कभी ना कभी किसी ना किसी बात पर झगड़ा करने लगा और उसे अब मेरे कपड़ो से भी प्रोब्लेम होने लगी, वो बोला करता था की मैं jeans ना पहन कर suits वगेरा ही पहनु, ना जाने वो इतना over react क्यूँ करने लगा था। 

फिर टाइम बीतता गया और हमारा रिलेशन्षिप धीरे-धीरे कर के और कम्जूर पड़ने लगा और फिर एक दिन हमारे बीच इतना बड़ा झगड़ा हो गया की हम दोनो को एक दूसरे से ब्रेकप करना पड़ा। फिर कुछ दीनो बाद उसने मुझे कोन्टेक्ट करने की कोसिस की और फिर हम दोनो दुबारा एक हो गयी लेकिन अब में जान चुकी थी की अब हम कभी एक साथ नहीं रह पाएँगे क्यूंकी बोलते है ना अगर किसी लकड़ी में दीमक लग जाता है तो उसे हटाना बहुत मुश्किल हो जाता है उसी तरहा अगर किसी हस्ते-खेलते रिलेशन्षिप में कभी किसी भी तरहा का शक पनपता है तो वो शक उस रिलेशन्षिप को इस हद तक ख़तम कर देना है की चाह कर भी फिर वो रिलेशन्षिप कभी जुड़ नहीं पता है। जिसका दर था वहीं हुआ एक दिन फिर हमारे बीच फिर एक बड़ा झगड़ा हुआ और हम हमेशा के लेए अलग हो गयी। 

आज मैं B.C.A कर रही हूँ और हमारा रिलेशन्षिप करीब 2 साल तक ही चल पाया, माना मैं उससे आज भी उतना ही प्यार करती हूँ जितना पहले किया करती थी लेकिन अब जान चुकी हूँ की हमने अपना रिलेशन्षिप इस हद तक खो दिया है की अब वापिस जुड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है बस अब मैं भगवान से यहीं pray करती रहती हूँ की वो जहाँ भी हो जिसके साथ भी हो हमेशा खुश रहे।

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