The Importance Of Confidence And Challenges Hindi Inspirational Story
आत्मविश्वास जीवन का आधार हैं अगर इसमें कमी होती हैं तो जीवन का आधार हिल जाता हैं। किसी में कितना ही बड़ा गुण क्यूँ ना हो अगर उसमे आत्मविश्वास नहीं है तो वह गुमनामी की जिन्दगी जीता हैं। कभी कभी वन में ऐसा समय आता हैं जो की मुश्किलों और समस्याओ से भरा होता हैं। ऐसे समय में अगर हम खुद पर भरोसा न करे और चुनोतियो का सामना करने से घबराए तो तनाव और निराशा हमें घेर लेती हैं। ऐसा ही एक मुश्किल समय मेरे जीवन में भी कुछ वर्ष पहले आया था। निराशा और तनाव ने मुझे कमजोर बना दिया था। उस समय मैंने एक कहानी पढ़ी थी जिसने मुझमे फिर से आत्मविश्वास भर दिया था। आज हिंदी जीनियस आपके साथ उस कहानी को साझा करना चाहता है ताकि आपके जीवन में भी कभी ऐसा दौर आये तो यह कहानी आपको प्रेरणा दे सके।
एक आदमी हर रोज सुबह बगीचे में घुमने जाता था। एक बार उसे किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई दिया। अब वह हर रोज उसे देखता था। एक दिन उसने देखा की उस कोकून में एक छोटा सा छेद हो गया हैं। वह उत्सुकता से उसे देखने के लिए वही बैठ गया। उसने आगे देखा की एक तितली उस छेद में से बहार आने की कोशिश कर रही हैं परन्तु बेहद कोशिश करने के बाद भी उसे बहार आने में तकलीफ हो रही हैं। उस आदमी ने तितली की तकलीफ देखकर सोचा की उसकी मदत की जाए। वह उठा और उसने उस कोकून का छेद इतना बड़ा कर दिया की अब तितली उस कोकून के बड़े छेद से आसानी से बाहर निकल सके।
कुछ समय बाद तितल बाहार तो आ गयी पर उसका शरीर सुजा हुआ था और पंख सूखे पड़े थे। आदमी ने सोचा की तितली अब उडेंगी पर तितली सुजन के कारण उड़ने में विफल रही और उस तितली को अपना सारा जीवन घसीटते हुए बिताना पड़ा। वह व्यक्ति यह समझ नहीं पाया की कुदरत ने ही तितली के कोकून से बहार निकलने की प्रक्रिया को इतना कठिन बनाया हैं जिससे की तितली के शरीर पर मौजूद तरल उसके पंखो तक पहुच सके और वह उड़ने में कामयाब हो जाए। यह संघर्ष ही उस तितली को अपने क्षमताओ का एहसास कराता हैं।
इस प्रेरनादायी कहानी को पढ़कर मुझे एहसास हुआ की अभी मेरे जीवन में जो चुनोतिया हैं यह मुझे कमजोर करने के लिए नहीं हैं, बल्कि अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हैं। जब मैंने आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ उन मुश्किलों का सामना किया तो आसानी से उन पर विजय हासिल करली। शायद कुछ लोग तब तक अपने आपको भलीभांति पहचान ही नहीं पाते हैं, जब तक वे कठिनाईयों, विप्पतियो और दूसरी की निंदा का सामना नहीं करते हैं।
मेरा यहाँ पर आप सभी पाठको को यही सलाह देना चाहूँगा की, "अपने आप पर विश्वाश रखो, अपनी क्षमताओ पर भरोसा रखो, यह बात स्मरण रखो की तुम्हारे भीतर वह शक्ति हैं जो की मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी कार्य को पूरा कर सकती हैं। आप अपने राह में आनेवाली चुनोतियो से परेशान होने की बजाए उसे अपने क्षमता बढ़ाने का साधन समझे।
अपने बच्चो को इस तरह से पुरे आत्मविश्वास के साथ अपने पैरो पर खड़ा देखते हैं तो सबसे ज्यादा ख़ुशी माता-पिता को ही होती हैं।इसलिए माता-पिता को सचेत रहते हुए बचपन में ही अपने बच्चो का आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिये।
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