Fear of Death Hindi Moral Story
मृत्यु क्या है? यह आप लोगों ने समझ लिया। जैसा हमें बतलाया गया है, उससे पाया जाता है कि मृत्यु कोई ऐसी वस्तु नहीं है, कि जिससे कोई डरे। यह सच है कि मरते समय लोग घबराते हैं, जी का लोभ बेतरह सताता है, लोग यह समझकर कि संसार उन्हें छोड़ना पड़ता है, कैसा-कैसा नहीं झींखते, उनका जी कितना नहीं मलता। परन्तु कहा जाता है कि ये सब बातें थोड़ी देर के लिए हैं, जब तक जीव एक देह को छोड़कर दूसरी देह में पहुँच नहीं जाता, तभी तक के लिए हैं, पीछे ये सब बातें जाती रहती हैं, और जीव फिर अपनी वास्तविक अवस्था पर आ जाता है।
संसार में शायद ही कोई प्राणी होगा जिसे अपनी मौत का भय न होता होगा। वैसे तो अनजाने में कोई भी इन्शान कहीं भी बिना किसी भय के चला जाता है, लेकिन जब कोई आपको पहले ही सचेत कर दे.. जैसे कि आप किसी पुरानी हवेली में जा रहे हो और जाने से पहले कोई आपसे बता दे की वहाँ भूत रहते है, तो आपके दिमाग में अपने आप भय बैठ जायेगा। और आप वहाँ जाने से पहले ही मना कर देंगे जबकि वहां कोई भूत-प्रेत नहीं है। ऐसी ही एक मछुआरे की कहानी है, जिसके पूर्वजों और अब उसके पूरे परिवार की रोजी-रोटी का एक मात्र साधन समुद्र है।
एक गाँव में एक मछुआरा था। वह रोज मछली पकड़ने के लिए उफनते हुए समुद्र में जाता था। यही उसकी दिनचर्या थी और रोजगार का एकमात्र साधन भी समुद्र ही था। एक दिन वो समुद्र से मछली पकड़कर अपने घर वापिस आ रहा था तभी रास्ते में उसे एक वणिक मित्र मिला। थोड़ी देर रूककर उन दोनों में आपस में काफी सारी बाते की। कुछ इधर उधर की बाते कर चुकने के बाद उसने उस मछुआरे से पूछा तुम्हारे पिता हैं ? तो उसने कहा नहीं उन्हें एक बार समुद्र में एक बड़ी मछली निगल गयी थी।
इस पर उसने पुछा तुम्हारे बड़े भाई कहाँ हैं ? तो उसने कहा एक बार समुद्र में आये किसी तूफान में उनकी नाव फंस गयी थी। तब से अब तक वो वापस नहीं आये, शायद उस समुद्री तूफान ने उनकी जान ले ली। वणिक ने इस पर कहा जब तुम्हे पता है कि समुद्र में इतना बड़ा खतरा है और तुम्हारे पूरे परिवार के विनाश का कारण है भी यही समुद्र है। फिर क्यों तुम बराबर इसमें जाते हो ? क्या तुम्हे मरने का डर नहीं है ?
मछुआरे ने जवाब दिया कि भाई मौत का डर किसी को हो या न हो पर वो तो आयेगी ही जरा एक बात बताओ तुम्हारे परिवार में से कितने लोग गये है जबकि उनमे से शायद ही कोई हो जो समुद्र की तरफ आया हो तो फिर वो लोग कैसे चले गये ? मौत के विषय में कोई कभी नहीं कह सकता कब आयेगी ? या किस रूप में आयेगी तो जब कुछ निश्चित ही नहीं है मैं अनावश्यक क्यों डरूं ?
इस हिंदी कहानी से हमें यही सीख मिलती है की हमें किसी चीज से डरने के बजाय किसी भी कार्य को सतर्क रहकर करना चाहिये। क्योंकि असावधानी से किये गये किसी भी कार्य में दुर्घटना कभी भी हो सकती है। अगर डर की वजह से कोई अपना काम छोड़ देगा तो उसकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी?
दोस्तों मृत्यु तो उसी दिन हो गई जिस दिन तुम जन्मे। अब छूटने का कोई उपाय नहीं। जिस दिन पैदा हुए उसी दिन मरना शुरू हो गए। अब एक कदम उठा लिया, अब दूसरा तो उठाना ही पड़ेगा। जैसे कि प्रत्यंचा से तीर निकल गया तो अब लौटाने का क्या उपाय है! जन्म हो गया, तो अब मौत से बचने का कोई उपाय नहीं।
दोस्तों मृत्यु तो उसी दिन हो गई जिस दिन तुम जन्मे। अब छूटने का कोई उपाय नहीं। जिस दिन पैदा हुए उसी दिन मरना शुरू हो गए। अब एक कदम उठा लिया, अब दूसरा तो उठाना ही पड़ेगा। जैसे कि प्रत्यंचा से तीर निकल गया तो अब लौटाने का क्या उपाय है! जन्म हो गया, तो अब मौत से बचने का कोई उपाय नहीं।
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