How Many Habits How Many Remedy Hindi Kahani
अपनी बुरी आदतों को बदलने की कोशिश तो हर किसी की होती है पर इन्हें छोड़ना मुमकिन हो ऐसा जरूरी नहीं। अगर आप भी बार-बार अपनी बुरी आदतों को छोड़ने की कोशिश करके थक-हार चुके हैं तो आपकी इन बुरी आदतों के कुछ अच्छे फायदे जानकर जरूर आपको सुकून मिलेगा। यह स्वाभाविक है कि हर व्यक्ति अपने जीवन के किसी-न-किसी पक्ष में हमेशा ही कुछ सुधार लाना चाहता है इसलिए यहाँ ऐसे बहुत से लोग हैं जो इसकी उपयोगिता को समझते हैं और दूसरों को जाग्रत करने के लिए इसके बारे में बहुत कुछ लिखते भी हैं। जो कोई भी इसपर कुछ लिखता है उसका अपना कुछ अनुभव और रणनीतियां होती हैं इसलिए मैं यह मानता हूँ कि उसकी सलाह में कुछ वज़न होना चाहिए। किसी दूसरे के अनुभव से कुछ सीखने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि यह ज़रूरी तो नहीं कि हम सदैव स्वयं ही गलतियाँ करके सीखते रहें! तो यह अच्छी बात है कि बहुत से लोग जीवन और कामकाज को बेहतर बनाने के लिए अपने विचार और अनुभव हमसे बांटते हैं।
मैं तो यही मानकर चलता हूँ कि ये व्यक्ति जेनुइन हैं और इन विषयों पर जितना पढ़ा-लिखा जाये उतना ही अच्छा होगा। सफलता का कोई एक मार्ग नहीं है जिसपर चलकर आप निश्चित रूप से इसे पा सकें। हर व्यक्ति अपनी बनाई राह पर चलकर ही सफल होता है या स्वयं में उल्लेखनीय परिवर्तन कर पाता है – यह बात और है कि आप दूसरों द्वारा बनाई पगडंडियों का सहारा लेकर आगे बढ़ने का हौसला जुटाते हैं। इतना सब होने के बाद भी यहाँ ऐसा कुछ है कि बहुत सारे लोग व्यक्तित्व विकास के भंवर में कूदकर फंस जाते हैं।
ज्यादातर लोग ढेरों ब्लॉग्स को बुकमार्क या सबस्क्राइब कर लेते हैं। वे ऐसे बिन्दुओं के बारे में तय कर लेते हैं जिनपर उन्हें काम करना है और अगले दिन से ही जीवन में आशातीत परिवर्तन की अपेक्षा करने लगते हैं। उसके दूसरे दिन वे अपने जीवन में उतारने के लिए कुछ और बातें छांट लेते हैं और नित-नए खयाली पुलाव बनाने लगते हैं। यहाँ एक ही समस्या है जिससे सभी जूझते हैं और वह यह है कि शॉर्ट-टर्म उपाय कभी भी लॉंग-टर्म सुधार की ओर नहीं ले जा सकते। अपने व्यक्तित्व में दस नए सुधार लाने के स्थान पर यदि लोग केवल चार सुधार ही लागू करने के बारे में सोचें तो भी इसमें सफलता पाने का प्रतिशत नगण्य है।
किसी भी व्यक्ति के चित्त की दशा और उसके कामकाज की व्यस्तता के आधार पर तीन या अधिकतम दो सुधार ला सकना ही बहुत कठिन है। आप चाहें तो एक झटके में ही स्वयं में पांच सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उदाहरण के लिए: आप सुबह जल्दी उठना, रोजाना व्यायाम करना, शक्कर का कम सेवन करना, अपनी टेबल को व्यवस्थित रखना, स्वभाव में खुशमिजाजी लाना आदि कर सकते हैं हांलांकि लंबी अवधि के लिए इन सरल उपायों को साध पाना ही कठिन है और अक्सर ही इनमें से एक-एक करके सभी सकारात्मक उपाय आपका साथ छोड़ देते हैं।
आपकी असफलता के पीछे आपका मानसिक अनुकूलन है। कुछ रिसर्च में यह पता चला है कि एक सरल आदत को व्यवहार में लाने के लिए अठारह दिन लग जाते हैं और कठिन आदत को साधने में तीस से चालीस दिन लगते हैं। ऐसी रिसर्च कई बार बेतुकी भी होती हैं पर क्या आपको वाकई यह लगता है कि आप अपनी घोर व्यस्त दिनचर्या में तमाम ज़रूरी काम को अंजाम देते हुए अपना पूरा ध्यान पांच नयी आदतें ढालने या सुधारने में लगा सकते हैं? नहीं। मुझे तो ऐसा नहीं लगता।
कुछ पल के लिए रुकें। ऐसी एक दो बातों को तलाशिये जो आप वाकई कर सकते हों और अगले दो-तीन सप्ताह तक पूरे मनोयोग से उन्हें साधने का प्रयत्न करें। कुछ समय बाद आपको उन्हें यत्नपूर्वक नहीं करना पड़ेगा और वे आपकी प्रकृति का अंग बन जायेंगीं। और ऐसा कर लेने के बाद ही आपको यह पता चल पायेगा कि आप किसी नयी आदत या कौशल को साधने के लिए कितने अनुकूल हैं। मैं आपसे यह नहीं कह रहा हूँ कि व्यक्तित्व विकास के ब्लॉग्स पढ़ना बंद कर दें। कई बार तो ऐसा होता है कि किसी चीज़ को पढ़ने से होनेवाले मनोरंजन से भी उसे पढ़ने का महत्व बढ़ जाता है।
जब भी आप मेरे हिंदी जीनियस ब्लॉग की पोस्ट पढ़ें तो यह न सोचें कि आपको इन बातों को अपने रोज़मर्रा के जीवन में उतारना ही है – यदि ऐसा है तो आप मेरे प्रयासों को व्यर्थ ही कर रहे हैं। यदि आपको कुछ अच्छा लगे तो आप उसे कहीं लिख डालें और प्राथमिकता के अनुसार उन्हें सूचीबद्ध कर लें। इस सूची में आप वरीयता के अनुसार अपने जीवन में छोटे-छोटे परिवर्तन लाने के लिए किये जाने वाले उपायों को लिख सकते हैं। केवल एक या दो उपायों को अपना लें, उन्हें अच्छी आदत में विकसित करें, और आगे बढ़ जाएँ। इस तरह आप वाकई अपने में कुछ सुधार का अनुभव करेंगे अन्यथा आप केवल सतही बदलाव का अनुभव की करते रह जायेंगे। ध्यान दें, यदि मनोयोग से कुछ भी नहीं किया जाए तो सारे प्रयत्न व्यर्थ जाते हैं और झूठी सफलता को उड़न-छू होते देर नहीं लगती। अब सबसे ज़रूरी काम यह करें कि इस पोस्ट को स्वयं में सुधार लाने का सबसे पहला जरिया बनाएं।
जीवन में सफल होने के लिए केवल कठिन परिश्रम करना ही काफी नहीं है बल्कि जीवन की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कितने स्मार्ट तरीके से काम कर रहे हैं। हम सभी जीवन में सफल होना चाहते हैं। परंतु हम में से अधिकाँश लोग गलत क्षेत्र में मेहनत करके समय बिता देते हैं। परंतु कुछ सरल आदतों से तथा स्मार्ट तरीके से विचार करके आप अपनी सफलता को ऊंचे स्तर पर ले जा सकते हैं।
जीवन में सफल होने के लिए केवल कठिन परिश्रम करना ही काफी नहीं है बल्कि जीवन की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कितने स्मार्ट तरीके से काम कर रहे हैं। हम सभी जीवन में सफल होना चाहते हैं। परंतु हम में से अधिकाँश लोग गलत क्षेत्र में मेहनत करके समय बिता देते हैं। परंतु कुछ सरल आदतों से तथा स्मार्ट तरीके से विचार करके आप अपनी सफलता को ऊंचे स्तर पर ले जा सकते हैं।
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