Sunday, 27 December 2015

Pachan Kriya Badhane Ke Upay

पाचन क्रिया बढाने के आसान तरीके


pachan kriya badhane ke aasan tarike
कई बार हम स्वाद के चक्कर में जरुरत से अधिक खाना खा लेते हैं। उस वक़्त खुद को रोकना मुश्किल होता है लेकिन बाद में पछताना भी पड़ता है। जब हमारा पेट इस खाने को हज़म नहीं कर पाता तो हमें अपच, एसिडिटी, कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से जुजना पड़ता है। पाचन क्रिया कैसे सुधरे यह सवाल आज हर पतले, मोटे, अमीर, ग़रीब, उँचे, नीचे सब तरह के लोगों को सता रहा हे। कई बार हम स्वाद के चक्कर मे ज़रूरत से अधिक खाना खा लेते है। उस वक़्त को रोकना मुश्किल होता है लेकिन बाद मे पछताना भी पड़ता है। आजकल की जीवनशैली में शारीरिक श्रम दिनोदिन घटता जा रहा है और हम मानसिक श्रम अधिक करते हैं इसलिए पाचन से संबंधित कई समस्याएं हमारे बीच आम हैं। इनसे छुटकारे के लिए कुछ योगासन आपको जरूर फायदा पहुंचाएंगे।

अच्छे पाचन तंत्र के लिए 20 टिप्स हमारे पाचन तंतरा अपनी तय की गयी सीमा के अनुसार चलता है। इस समय सीमा के कारण हमे दिन के अलग अलग पहर मे भूख लगती है। खाने के बाढ़मरा पाचन तंत्र अपना काम आरंभ करता है तथा जैसे ही उनका काम ख़तम होता है वह अगली क्रिया प्रारम्भ करने के लिए मष्टिशक को संकेत भेजता है। अगर इस प्रक्रिया मे बढ़ाएँ डाल दी जाए तो ये हमारी पाचन शक्ति के साथ शारीरिक शक्ति को भी घटा देती है। ऐसी स्थिति मे इन तरीक़ो को आजमाएँ। अगर आप पाचन संबंधी समस्‍याओं से पीडि़त हैं या रहे हैं, तो आप इस तकलीफ को समझ सकते हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, ब्‍लोटिंग, कब्‍ज, डायरिया, सीने में जलन, रिफ्लैक्‍स, गैस और अन्‍य कई समस्‍याओं की जड़ में पाचन क्रिया का असंतुलन ही होता है। हालांकि आप अकेले इस समस्‍या से पीडि़त हों, ऐसा नहीं है, दुनिया भर में करोड़ों लोग पाचन क्रिया की गड़बड़ी के शिकार हैं। आइए देखते हे की पाचन क्रिया कैसे सुधरे।

Pachan Kriya Badhane Ke Aasan Tarike


1.  दिन की शुरुआत नाश्ते से करें तथा नाश्ते को सुबह उठने के 1-2 घंटे के बाद खाएं। दोपहर में घर का खाना खाएं लेकिन खाने में चाट या शराब को शामिल ना करें। सुबह के नाश्ते का एवं दोपहर के खाने का सेवन सामान्य रुप से करें। रात का खाना जरुरत के हिसाब से खाएं तथा डिनर सोने से 2 घंटे पहले खाना चाहिए। डिनर के बात 2 गिलास गुनगुने पानी के पिएं।

2.  पाचनक्रिया को रीसेट करने से पहले इसकी गति को धीमा करने की जरुरत है जोकि खाना खा कर नहीं बल्कि पानी पी कर की जा सकती है। सुबह-शाम वॉकिंग जाएं तथा पूरे दिन में 3-4 गिलास जूस के पिएं। जूस को आप भूख लगने पर या अपनी इच्छा अनुसार पी सकते हैं। पानी का अधिक सेवन करें तथा साथ ही नींबू पानी का भी सेवन करें। इस दौरान अपना मन शांत रखें व अपने दिन को हलके-फुलके काम करते बिताएं।

3.  खाने में ज्यादा से ज्यादा फलों का इस्तेमाल करना चाहिए। फलों में बेल, पपीता, अनार, आम, अंजीर, अमरूद, नाशपाती और संतरे का सेवन करना बेहतर रहेगा। इनमें फाइबर होता है, जो पेट साफ करने का काम करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी, टमाटर व नीबू बेहतर पाचन तंत्र के लिए सर्वोत्तम हैं। ये कब्ज जैसी समस्या को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं और शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की भरपाई भी करते हैं। अंकुरित चना, मूंग, गेहूं और जौ के आटे से बनी रोटियां खाने से फायदा होगा।

4.  भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।

5.  भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं! भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं।

6.  प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है।

7.  वज्रासन ऐसा आसन है जिसे न सिर्फ सुबह कर सकते हैं बल्कि आप भोजन के बाद भी इस मुद्रा में बैठ सकते हैं। इसे करने से पाचन अच्छा रहता है, मांसपेशियां और जांघें मजबूत होती हैं। वज्रासन करने के लिए नमाज पढ़ने की मुद्रा में पैरों के बल बैठ जाएं। शरीर का भार पंजों, एड़ियों और पैर पर छोड़ दें। जोनों हाथों को सामने घुटने पर रखें। लंबी सांस लें और छोड़ें। जिन्हें घुटने में दर्द की समस्या हो, वे लोग ये आसन न करें।

8.  एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है, मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई कमजोरी में इस पानी में बिना नमक या चीनी को मिलाकर घूंट-घूंट करके पीने से शरीर में कमजोरी नहीं रहती हैं। ध्यान रहें कि पथरी के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए। रात्रि में एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर उसमें दो किशमिश भिगो दें। सुबह पानी छानकर पी जायें एवं किशमिश चबाकर खा लें। यह एक अदभुत शक्तिदायक प्रयोग है। केला: केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है। शारीरिक श्रम न करने वालों को केला नहीं खाना चाहिए। केला सुबह खाली पेट भी नहीं खाना चाहिए। भोजन के बाद दो केले खाने से पतला शरीर मोटा होने लगता है।

9.  मानसिक तनाव, अशांति, भय, चिंता, क्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है।

10.  इलायची के बीजों के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से गर्भवती स्त्री के पाचन विकार दूर हो जाते हैं तथा खुलकर भूख लगती है।

11.  खट्टे-मीठे अनार का रस एक ग्राम मुंह में लेकर धीरे-धीरे पीएं। इस प्रकार 8-10 बार करने से मुख का स्वाद ठीक होकर आंत्र दोष दूर होता है और ज्वर के कारण हुई अरूचि दूर होती है तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

12.  रोज एक कटोरी लो फैट दही खाएं। दही में प्रोबायोटिक्स होते है, जो आपके पाचन को अच्छा रखते हैं। पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए दही से सेवन बहुत फायदेमंद होता है।

13.  10-10 ग्राम छोटी पीपल, पीपला मूल, पंचकोल, चव्य, चित्रक, सौंठ को पीसकर और छानकर 5-5 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ लेने भोजन जल्दी पचता है।

14.  खट्टे-मीठे अनार का रस एक ग्राम मुंह में लेकर धीरे-धीरे पीएं। इस प्रकार 8-10 बार करने से मुख का स्वाद ठीक होकर आंत्र दोष दूर होता है और ज्वर के कारण हुई अरूचि दूर होती है तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

15.  पकाए हुए आंवले को घीयाकस करके स्वादानुसार काली मिर्च, सौंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिलाकर बड़ी बनाकर छाया में सुखा लें। इसके सेवन से पाचन विकार दूर हो जाता है तथा भूख बढ़ती है। मन भी प्रसन्न रहता है।

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