खुश कैसे रहे हिंदी में जानकारी
आज की भागती हुई जिंदगी मे हर की अपनी अपनी दुविधाए होती हे, अपनी अपनी समस्याए होती हे। इसलिए खुश कैसे रहे इसका जवाब अगर कोई आपको दे सकता हे तो वो हे हम खुद। क्यों की अपने दुख की वजह हमसे ज़्यादा और कोई नही जनता तो उसका समाधान भी हुमारे पास ही होता हे। लेकिन इस भागती हुए दुनिया मे कों इतना सोचेगा, ऐसा हम सब सोचते हे। चलिए आज खुश रहने के सब तरीकों पर गौर फरमाते हे (Khush Kaise Rahe)
* समस्याओं का समाधान (Samasyaon Ka Samadhan)
Khush Kaise Rahe अपनी समस्याए जाने और उनपर समाधान ढूँढने की कोशिश करे। हम हमेशा यही रोना लेके बैठ जाते हे की इतनी सारी समस्याए या फिर परेशानिया मूज़े ही क्यो? लेकिन उनपर समाधान नही ढूंढते। तो सभी समस्याओं का समाधान एकसाथ नही होता दोस्तो उसके लिए एक एक करके सभी को जिंदगी से निकलना पड़ता हे। ज़रूरी नही हे की हमे सभी समस्याओं का समाधान मिलेंगा लेकिन जीतने भी भी मिलेंगे उतना आप खुश महसूस करेंगे और इससे हर बार आपको दूसरी समस्या सूलज़ने मे आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और आसानी भी। ज़रूरी बात ये है की खुश कैसे रहे।
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* मनपसंद गाने सुने ( Manpasand gaane sune )
म्यूज़िक हर एक हालत मे बहोत ही असरदार हे की आप किस तरह से सोचते हे। अगर आपको बहोत ही कठनाई हो रही हो शांत रहने मे तो शांत म्यूज़िक सुने, अच्छा महसूस होगा। बहोत ज़ोर से चलने वाले या फिर हर्ष वाले गाने ना सुने, ये आपके तनाव को और बढ़ा देंगे! इसलिए शांत रहने के लिए शांत गाने या म्यूज़िक सुने।
* अपने चाहने वालों के साथ वक़्त बिताए (Apne chahane walon ke saath waqt bitaye)
अध्ययन से ये पता चला हे की, पक्के सामाजिक दोस्त, परिवार और चाहने वालों के साथ वक़्त बिताने से हमारी सोचने की क्षमता अच्छी रहती हे। और वो सही भी हे क्यों की कोई भी अगर अपने चाहने वालों के साथ वक़्त बिताएगा तो अच्छा ही महसूस करेगा। इससे आपकी महसूस करने की क्षमता को भी बढ़ावा मिलता हे, साथ ही साथ आपका खुद पर का विश्वास भी बढ़ता हे।
* मनपसंद जगह पर जाए (Manpasand jagah par jaye)
हर एक की अपनी अपनी मनपसंद कोई ना कोई जगह ज़रूर होती हे। कई बार हमे कुछ भी करने का मन नही करता, हस उदास महसूस करते हे ऐसे वक़्त अपनी उस मन पसंद जगह पर जाए और कुछ वक़्त बिताए, आप अच्छा महसूस करेंगे। Kaise Rahe Khush.
* अच्छे लोगों की संगत मे रहे (Achche logon ke sath rahe)
हम हमारे स्कूल से लेकर कॉलेज खत्म होने तक बहोत से दोस्त बना लेते हे, लेकिन अगर आपसे कोई पूछे की उनमे आपके सुबसे अच्छे दोस्त कौन हे तो आप कुछ ही नाम ले पाएँगे। ऐसा क्यो? क्यों की हमे पता होता की वी बुरे हे, उनके साथ रहने से हमे भी बुरी आदते लगेंगी, फिर भी हम उनके साथ रहते हे और दिन खुद बुरे बन जाते हे दूसरों की नज़रों मे। आपके चुनाव, विचार और कार्य आपकी खुशी तय करते हे। तो इसलिए अच्छे लोगों की संगत मे रहे। अच्छे लोगों से पहचान बढ़ाए। और अगर आप कुछ अच्छा करेंगे तो आप खुश महसूस करेंगे।
* शराब, गुटखा, सिगार्रेट बंद करे (Sharab, gutkha, sigarret band kare)
शराब पीने वालों का ये मानना हे की शराब पीने से टेंशन दूर होता हे। उनसे बस एक ही सवाल करे की, आप रात को शराब पीकर सोए और सुबह उठे तो क्या आपकी सारी समस्याए दूर हो जाती हे? उनकी समस्याए दूर हो ना हो पर बढ़ ज़रूर जाती हे। क्यों की शराब और गुटखा खाकर जो खुद ही खुद के शरीर को खराब कर रहा हो या आप कह सकते हे मौत की और ले जा रहा हो उसकी समस्या दूर होगी या फिर बढ़ेगी। ऐसे लोग ज़िंदगी मे कभिभि शांत नही हो सकते जब तक हू खुद की ज़िंदगी से खेलना बंद नही करते और सिगार्रेट की धुए की तरह उसे बर्बाद करना बंद नही करते तब तक।
* लोगो की चिंता ना करे (Logo ki chinta na kare)
अगर आप अपने मान से कुछ भी करना चाहो तो बे झिझक कर डाले। क्यो की आपका खुद का मन आपसे कह रहा हे तो आप लोगो की ना सोचे क्यो की ज़रूरी नही है की लोग हमेशा सही राय ही देंगे। लोग तो भगवान से भी खफा है। जो भी करना हो वो सीधे सीधे करे क्यो की आप उसे पूरा करे या ना करे आपको तसल्ली ज़रूर रहेगी की मैने अपने मन की सुनी।
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* ख़ुशी से जुडी अन्य बाते (Khusi se judi baate)
Khush rahe lekin kaise चिल्लाएं नहीं। धीमी आवाज में बात करें। बड़े छोटे कि मर्यादा का पालन करें। लड़ें नहीं। खासकर बच्चों के सामने न लड़ें। प्यार से रहें। नम्र रहें। समय व स्थिति के अनुसार अगर झुकना पड़े तो झुक जाएं। समझौता कर लें। परिवार के हित में सब जायज़ है। सब साथ रहें। एक दूसरे को प्यार करें। एक दूसरे के साथ मस्ती करें। खुश रहें। आपस में चुटकुले सुनाएं। गप्पे मारें। हंसे और हंसाएं। आपका व पूरे परिवार का स्वास्थ ठीक रहेगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हैपीनेस के बारे में हुई रिसर्च के बारे में सबसे पहला सवाल यह उठा कि आखिर वे कौन सी चीजें हैं, जो इंसान को खुश रहने की प्रेरणा देती हैं। जाहिर है, ऐसे में पहला जवाब पैसा ही होगा। बेशक पैसे से बहुत कुछ खरीदा जा सकता है, लेकिन बेसिक जरूरतें पूरी होने के बाद जो एक्स्ट्रा पैसा होता है, वह बहुत ज्यादा खुशी नहीं देता।
ज्यादातर लोग इसलिए दुखी नहीं होते क्योंकि उनके पास किसी चीज की कमी होती है। वे दुखी इसलिए होते हैं क्योंकि वे खुद की तुलना किसी और से करते हैं। आप एक मोटरबाइक चला रहे हैं, आप किसी को BMW चलाते देखते हैं और खुद को दुखी कर लेते हैं। साइकिल पर चलने वाला कोई व्यक्ति आपको मोटरबाइक पर देखता है और यह उसके लिए लिमोसीन है। पैदल चलता कोई व्यक्ति साइकिल को देखकर सोचता है, 'अरे वाह, अगर मेरे पास सिर्फ यह साइकिल होती, तो मैं अपनी जिंदगी में क्या-क्या कर लेता। यह एक बेवकूफाना खेल है जो चलता रहता है।
भगवान कहते हैं कि मन-वचन-काया और आत्मा (प्रतिष्ठित आत्मा) का उपयोग दूसरों के लिए करना। फिर तुझे कोई भी दुःख आए तो मुझे बताना।
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