पवनमुक्तासन कैसे करे और उसके फायदे
इस आसन में दबाव पेट की ओर पड़ने से रक्त का संचार हृदय व फेफड़ों की ओर बढ़ जाता है। इससे हृदय को बल मिलता है और फेफड़ों की सक्रियता बढ़ती है, जिससे अस्थमा, सांस फूलना आदि कफ दोष दूर करने और इन रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है और पेट के रोग दूर होते हैं जिससे बाल भी मजबूत होते हैं। वैसे हर तरह के योग करना शरीर के लिए फायदे मंद रहता है। कहा जाता है की योग करने से ऐसी बीमारी भी ठीक हो जाती है। जिसके लिए डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया होता है। इससे हमारा शरीर हमेशा चुस्त और तन्दुस्स्त रहता है। हमारा दिमाग़ हमेशा खुश मिज़ाज रहता है।
पवन मुक्त आसन उदर के लिए बहुत ही लाभप्रद है। इस योग से गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही लाभप्रद है। कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग, गठिया में भी यह आसन लाभकारी होता है। स्त्रियों के लिए गर्भाशय सम्बन्धी रोग में पावन मुक्त आसन काफी फायदेमंद होता है। क्या आपको पता है की आधे से ज्यादा बीमारी हमे हमारे पेट ठीक ना होने के कारण लगती है। अगर आपका पेट साफ है आचे से पवन बाहर निकलती है तो आपकी आधी बीमारी यहीं पर ख़तम हो जाती है।
यह आसन उदर यानी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस योग से गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है। कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग, गठिया में भी यह आसन लाभकारी है। स्त्रियों के लिए गर्भाशय सम्बन्धी रोग में पावनमुक्तासन काफी फायदेमंद है। इस आसन से मेरूदंड और कमर के नीचे के हिस्से में मौजूद तनाव दूर होता है।
Pawanmuktasana Benefits In Hindi Me
* पवनमुक्तासन के लाभ (Pavanamuktasana Ke Fayde)
शरीर हल्का हो जाता है। यह आसन पाचन शक्ति बढ़ाता है। यह आसन वायु विकार दूर करने में लाभप्रद है। इस आसन के अभ्यास से पेट की वायु शीघ्र निकल जाती है। पवनमुक्तासन के नियमित अभ्यास से मोटापा कम हो सकता है। कब्ज गैस व एसिडिटी जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है। खट्टी डकारें आना, गैस के कारण बेचैनी होना, घबराहट, छाती में जलन, पेट व पीठ में हलका दर्द होना, थकावट आदि समस्याओं का दूर करने में यह आसन मदद करता है।
पवनमुक्तासन पेट के लिए बहूत फायदेमंद रहता है। इस योग से गॅस ठीक होता हे, पेट की खराबी सुधारने मे लाभ मिलता है। पेट की बड़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहूत फायदेमंद रहता है। कमर दर्द, साइटिक, हृदय रोग, घातिया मे भी यह आसान लाभकारी होता है। स्त्रियों के लिए गर्भाशय सम्बन्धी रोग मे पावन मुक्त आसन काफ़ी फायदेमंद होता है। इस आसन से मेरुदण्ड और कमर के नीचे के एक हिस्से मे मोजूद तनाव दूर रहता होता है। इस आसन के अभ्यास से वायु विकार, अपच, गठिया, कमर दर्द और मोटापा दूर होता है। इस आसन का अभ्यास भोजन करने के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए।
कब्ज़ दूर होती है, आँतों पर दबाव बढ़ने से गैस आदि की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। वे महिलाएँ जिन्हें मासिक धर्म की कोई समस्या हो वे इस आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, उन्हें लाभ मिलेगा। सभी वर्ग के लोग पवनमुक्तासन का लाभ ले सकते हैं।
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* पवनमुक्तासन करने की विधि (Pavanamuktasana Karne ki Vidhi)
इस आसन को करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जायें। फिर सांस भर लीजिए। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोडि़ये, दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर जमीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वांस रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पहले की तरह रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें। दोनों पैर एक साथ मोड़कर भी यह आसन किया जा सकता है।
* पवनमुक्तासन में सावधानिया (Pavanamuktasana me Savdhaniya)
पवनमुक्तासन करने में भी थोड़ी सावधानी जरूरी है। जिन लोगों को कमर दर्द की शिकायत हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए अगर करना हो तो कुशल प्रशिक्षक की देख रेख में करना चाहिए। जिनके घुटनों में तकलीफ हो उन्हें स्वस्थ होने के बाद ही यह योग करना चाहिए। हार्निया से प्रभावित लोगों को भी स्वस्थ होने के बाद ही यह योग करना चाहिए। स्त्रियों को मासिक के समय यह योग नहीं करना चाहिए। पेट की समस्या से परेशान हैं या फिर पेट में अधिक चर्बी जमा हो गई है तो यह आसन आपके लिए ही है। इसका नियमित अभ्यास करें।
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