Sunday 6 December 2015

संत का अपमान हिंदी कहानी Saint insult hindi story

Saint Insult Hindi Story


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भारत साधु संतों का देश है। यहाँ एक से बढ़कर संत हुए हैं। प्रायः लोग संतों का सम्मान ही करते हैं लेकिन कुछ लोग कभी कभार उनका अपमान भी करते हैं। संत कई प्रकार के होते हैं। बड़े बड़े संत जो टी वी पर दीखते हैं। कुछ संत तो कभी दीखते ही नहीं, कुछ गुदरी मांगते नजर आते हैं। कुछ बहुत हट्टे कट्ठे साधु महाराज हर घर के दरवाजा पर जाकर ज़ोर ज़ोर से अलख जगाते हैं, जयकारा लगाते हैं, बदले में जो कुछ भी मिल जाता है उससे अपना गुजारा करते हैं। इसे यूँ कहें कि यह भिक्षाटन का एक रूप है। 

हमें तरह तरह के मागन चन्द मिल जाते हैं।वह गेरुआ धारी बहुत ज़ोर ज़ोर से आवाज लगा रहा  था- गुदरी दे दो गुदरी दे दो। गुद्दरवाला बाबा। गुद्दर दे दो। उसकी जटाएं सघन और काफी आकर्षक लग रहा था। पीठ पर एक बड़ी सी पोटली जिसमें माँगा हुआ गुदरी यानि फटा पुराना धोती या साड़ी भरा हुआ था। तभी अपने दालान पर खड़ा महेश ने ज़ोर से आवाज लगाई- ऐ गुदरी! इधर आना! गुदरी वाला उनकी तरफ मुड़ गया। 

गुदरी वाला महेश के दालान पर आकर एक तख़्त बैठ गया। महेश ने पूछा- कहाँ से आये हो।  कामरू कामख्या से  देखो इतना हट्टा कठ्ठा होकर क्यों भीख मांगते फिरते हो। शर्म नहीं आती  ये लो कुदाल और मेरे खेत में काम कर दो दिहारी का २०० रूपये दूंगा  नहीं बाबा! मैं तो गुदरी वाला बाबा हूँ अगर आपको गुदरी नहीं देना है तो कोई बात नहीं माता रानी आपका कल्याण करें वह उठकर जाने लगा। 

महेश ने कहा- ऐसे कैसे चले जाओगे? बिना खेत में काम किये नहीं जाने दूंगा।’ गुदरी वाला बाबा जाने लगा। तभी महेश ने अपने दो चार चमचों को बोला- इस ढोगी को सबक सिखाना है। पकड़ो इसे इसका जटा ही नोच डालते हैं। आज इसका सब ढोंग निकाल देते हैं। गुदरी वाले साधू को महेश के चमचों ने पकड़ लिया। अब बाबा को लगा कि ये लोग सचमुच उसका जटा काट देंगे। वह रोने लगा- बोला देखो बाबा! आप मेरे जटा को मत काटो। इसे 12 वर्षों से मैंने नहीं काटा है। इसे मैं १४ साल पर काटूँगा ऐसा मैंने व्रत लिया हुआ है। 

गुद्दरवाला रोता रहा। लेकिन महेश नहीं माना। उसके जटा को काट डाला। वह बाबा ज़ोर ज़ोर से दहाड़े मार मार कर रो रहा था। सिर्फ इतना बोले जा रहा था- मातारानी तुम्हारा भला करें।उस घटना के छह महीने बाद महेश के बाल झरने शुरू हुए। पंद्रह दिनों में सिर के बाल, भौहें के बाल और मूंछ –ढाढ़ी सबके बाल झरकर गिर गए और फिर दुबारा नहीं उगे। अब महेश सुबह सबेरे उठकर सिर पर एक टोपी डालता है। औरत के मेक अप बॉक्स में प्रयोग की जानेवाली काले रंग की पेंसिल से अपने भौहे और मूंछ बनाता है। यह अब उसके रोज की दिनचर्या है। अब वह साधु- संतों का भी खूब इज्जत करता है। लोग उसे उस गुद्दर वाले बाबा के शाप से शापित मानते हैं। 

यदि आपके मन में बुराई तथा गंदकी है तो तुम्हे सब बुरा और गंदा ही नजर आएगा। 

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