श्री मद्-भगवत गीता के बारे में सक्षिप्त ज्ञान और जानकारी
दोस्तों आज में आपको हमारी संस्कृति के बारे में थोडा कुछ बताना चाहता हु. आप सभी भगवत गीता के बारे में जानते ही होगे लेकिन उसमे कुछ ऐसे टॉपिक है जिसकी आपको जानकारी नही होगी तो चलो हम इसके बारे में जानते है.
पाण्डव पाँच भाई थे (Pandav 5 Bhai The)
1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन 4. नकुल 5. सहदेव
इन पांचों के अलावा, महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे, परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है. यहाँ ध्यान रखें कि पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं तथा, नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
वहीँ धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव कहलाए जिनके नाम हैं.
1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह 4. दुःशल 5. जलसंघ
6. सम 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद 10. दुर्धर्ष
11. सुबाहु 12. दुषप्रधर्षण 13. दुर्मर्षण 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान 19. सुलोचन 20. चित्र
21. उपचित्र 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन 25. दुर्मद
26. दुर्विगाह 27. विवित्सु 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द 32. उपनन्द 33. चित्रबाण 34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा
36. दुर्विमोचन 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल
41. भीमवेग 42. भीमबल 43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर 49. चित्रायुध 50. निषंगी
51. पाशी 52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र 55. सोमकीर्ति
56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी 64. दुष्पराजय 65. अपराजित
66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष 68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु 74. बह्वाशी 75. नागदत्त
76. उग्रशायी 77. कवचि 78. क्रथन 79. कुण्डी 80. भीमविक्र
81. धनुर्धर 82. वीरबाहु 83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य 88. कुण्डभेदी 89. विरवि 90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम 92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा 94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु 96. सुजात 97. कनकध्वज 98. कुण्डाशी 99. विरज 100. युयुत्सु
इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी जिसका नाम दुशाला था जिसका विवाह"जयद्रथ" से हुआ था.
श्री मद्-भगवत गीता के बारे में (Information About Shreemad Bhagvat Geeta)
1. भगवत गीता किसको किसने सुनाई?
उतर- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
2. कब सुनाई?
उतर- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
3. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उतर- रविवार के दिन।
4. कोनसी तिथि को?
उतर- एकादशी
5. कहा सुनाई?
उतर- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
6. कितनी देर में सुनाई?
उतर- लगभग 45 मिनट में
7. क्यू सुनाई?
उतर- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
8. कितने अध्याय है?
उतर- कुल 18 अध्याय
9. कितने श्लोक है?
उतर- 700 श्लोक
10. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उतर- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
11. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
उतर- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
12. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उतर- भगवान सूर्यदेव को
13. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उतर- उपनिषदों में
14. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उतर- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
15. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उतर- गीतोपनिषद
16. गीता का सार क्या है?
उतर- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
17. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उतर- श्रीकृष्ण जी ने- 574, अर्जुन ने- 85, धृतराष्ट्र ने- 1, संजय ने- 40.
हिँदू धर्म मेँ 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ ।
कोटि का मतलब = प्रकार
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं.
हिँदू धर्म मे इन कुल 33 प्रकार के देवी देवता में भी अलग प्रकार है.
उसमे 12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु.
8 प्रकार हे
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष
11 प्रकार है
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली.
2 प्रकार हैँ
अश्विनी और कुमार
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाएं। ये जानकारी एक हिन्दु हाेने के नाते जानना ज़रूरी है. अपनी युवा-पीढ़ी को इनके के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
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