Wednesday, 26 October 2016

Eco Friendly Diwali Kaise Manaye

इको फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाये

दोस्तों दिवाली खुशियों का त्योहार है. और आपकी खुशियों को किसी की नजर न लगे इसके लिए जरूरी है कि दिवाली को सही तरीके से मनाया जाए. आज का हमारा टॉपिक हैं दीवाली कैसे मानते है. हिंदू धर्म वाले लोगो के जीवन मैं दीवाली का एक अलग ही इंपॉर्टेन्स हैं. एक साल से हमे  इस त्योहार का से इंतेजर रहता हैं और जिस दिन यह फेस्टिवल आता हैं उस दिन सबके घर, आँगन और शहर के साथ सबका मन भी रौशन हो जाता हैं. कहा जाता हैं की दीवाली के दिन ही भगवान राम जी अपने 14 साल का वनवास ख़तम करके वापस अयोध्या नगरी मैं लौट आए थे. राम जी और सीता जी के आने के खुशी मैं इसी दिन पूरे अयोध्या नगरी मैं दीप जलाया गया था. इसीलिए प्रत्येक वर्षा इस अमावस की रात्रि को दिए से रौसन कर दिया जाता हैं. दीवाली धनतेरस से दो दिन बाद आती है ओर भैया दूज से दो दिन पहले आती है ओर दशेरा के 20 दिन बाद दीवाली आती है , इस फेस्टिवल को बड़े जोरो सोरो से मनाया जाता है ये एक हिंदू संस्कृत फेस्टिवल है जो की साल में एक बार आता है ओर ये एक मात्र ऐसा फेस्टिवल है जिसकी रोनक मार्केट में 10 से 15 दिन पहले देखने को मिलती है. Eco Friendly Diwali Kaise Manaye.

deewali kaise manaye

दिवाली का महत्त्व - Diwali Ka Mahatva

दीवाली खुशियों का फेस्टिवल है. लेकिन ख़ुशी मनाने के चक्कर मैं एन्वाइरन्मेंट को कितना नुकसान पहुचता देते हैं. कभी सोचा है इस बारे मैं. सजावट के समान से लेकर, दीवाली मैं जलाए जाने वाले पटाखे भी कुदरत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं. तो चलिए इस बार मानते हैं असली दीवाली. खुशियों से भरपूर ईको फ्रेंड्ली दीवाली. यानी ख़ुसीयों पर ना लगे पोल्यूशन की नज़र. दीवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं. दीवाली के दिन जलता हुआ हर एक दिया बस यही संदेश देता हैं की चाहे बुराई कितना भी ताकतवर क्यू ना हो उससे अच्छाई के सामने सदा झुकना ही पड़ता हैं. वेसे तो यह बात हर कोई जानता हैं की दिया जलाकर दीवाली का त्योहार मनाया जाता हैं लेकिन हम इस त्योहार को मनाने की विधि के बारे मैं थोड़ा डीटेल मैं बताना चाहते हैं. तो आइए जान लेते हैं की दीवाली का त्योहार कैसे मनाया जाता हैं.

दिवाली कैसे मनाये - Deewali Kaise Manaye

दिवाली पे लक्ष्मीजी की पूजा करे - Laxmiji ki Pooja Kare

दीवाली की शुरुआत अगर लक्ष्मी पूजा के साथ हो तो पूरे साल हमारे घर मैं लक्ष्मी जी का वास रहता हैं. इसीलिए आप लोग भी दीवाली के दिन सबसे पहले लक्ष्मी जी की एक फोटो या मूर्ति अरेंज कर लीजिए. अब उस मूर्ति या फोटो के आगे आप लोग फूल, माला, प्रशाद. अर्पण करके फिर सच्चे मन से लक्ष्मी मा की आरती करिए. लक्ष्मी मा की फोटो या मूर्ति के सामने आप लोग दिया जलाना मत भूलिए. लक्ष्मी मा के आगे दीप जलाने के बाद आप लोग अपने घर, आँगन के साइज़ के हिसाब से बहुत सारे दिया जला लीजिए और उन दियो से अपने घर और आँगन को पूरी तरह से सज़ा दीजिए. [Eco Friendly Diwali Kaise Manaye]

आप लोग अपने छत पर और दीवारो पर मार्केट मैं मिलने वाले छोटे छोटे बल्ब्स लगाकर अपने घर आँगन को और ज्यादा रौशन कर सकते हैं. दीवाली मैं लोग फुलझड़िया जलाकर और पटाखे फोड़कर अपनी खुशिओ को बढ़ाते हैं. आप लोग भी फुलझड़िया जलाकर अपने खुशी को बेशक दुगना करिए लेकिन फटाके फोड़ते वक़्त थोड़ा सावधानी रखिए ख़ासकर छोटे छोटे बच्चो से इन पटाखो को दूर रखिए. और पोल्यूशन को ध्यान मैं रखते हुए आप लोग अपने पटाखो को थोडा कंट्रोल मैं रहकर फोड़िए और हो सके तो फुलझदीओ को जलाकर ही आप लोग अपने दीवाली के दिन को एन्जोय करिए. आप दीवाली के दिन अपने फ्रेंड्स और रिश्तेदारो को गिफ्ट्स देना मत भूलिए. दीपावली तीसरे दिन मनाई जाती हैं घर में कई पकवानों के साथ सभी परिवार जन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और घर के हर एक कोने को दीप प्रज्वलित कर प्रकाशित किया जाता हैं और फटाको की आवाज के साथ इसे मनाया जाता हैं. घर को तरह तरह की लाइट से सजाया जाता है, रंगोली बनाई जाती है.

सजावट में वातावरण का ख्याल रखे

याद कीजिए अपना घर सजाने के लिए रंगीन कागज और रंगोली का यूज़ होता था. हॅंड मेड पेपर से बनी कंडिल आदि चीज़े छतो से तंगी हुई घर की शोभा बढ़ती थी. लेकिन, बीते कुछ सालो मैं घर सजाने मैं प्लास्टिक के समान का यूज़ बहुत बढ़ गया है. दीवाली पर ये घर सजाने के काम आते हैं. लेकिन कुछ दीनो बाद ही ये सड़को और गलियों मैं बिखरे देखे जा सकते हैं. ये नलियों तो जाम करते करते ही हैं साथ ही साथ एन्वाइरन्मेंट को भी नुकसान पहुचते हैं. क्यूकी आप सभी जानते हैं की प्लास्टिक गलता नही है. नतीजे इसके असर दुष्प्रभाव के बारे मैं सोचना चाहिए. Diwali Kaise Manaye Hindi me

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इको फ्रेंडली पटाके का उपयोग कीजिये 

हालांकि इस बार पटाखा बाजार भी प्रदूषण से निपटने के लिए तैयारी कर मैदान में उतरा है. इस बार आप बाजार जाएं तो आपको इको फ्रेंडली पटाखे मिल जाएंगे. इनसे आवाज और धुआं भी कम निकलता है. समस्‍या यह है कि इन्‍हें ज्‍यादा पसंद नहीं कर रहे हैं, बड़ी तादाद में युवा वर्ग को शोर वाले पटाखे ही पसंद आते हैं.

रोशन करें - Roshan Kare Jaha

दिवाली रोशनी का त्योहार है. इस मौके पर घरों को रोशन करने के लिए पहले मिट्टी के दीये जलाने का रिवाज था, लेकिन अब इनकी जगह चमचमाती लाइट्स ने ले ली है. इससे बिजली की खपत बढ़ती है. बेहतर होगा कि घरों को मिट्टी से बने दीयों से रोशन किया जाए. और इन लाइटों पर निर्भरता जरा कम की जाए. Eco Friendly Diwali Kaise Manaye 2017

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दीपावली के लाभ -Diwali ke Labh

छोटे बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह वक्त खास कमाई का होता हैं. दीपावली से सभी तरह के व्यापार में तेजी आती हैं क्यूंकि यह त्यौहार में हर चीज नयी आती है. लोग घर की सज्जा सज्जा, अपने कपड़ो, गहनों, खाने पीने सभी चीजों पर खर्च करते है. दीपावली से आपसी प्रेम बढता है जिससे सम्बंधों में मिठास आती हैं. साफ सफाई का बहुत महत्व हैं जिससे घरो तथा आस पास के परिवेश स्वच्छ होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभ कारी हैं. इस त्यौहार के बहाने साल में एक बार पुरे घर की सफाई हो जाती है, उनमे नया रंग करा दिया जाता है. यह त्यौहार न हो तो ऐसा होना मुश्किल है. कुटीर उद्योगों के लिए भी दीपावली का त्यौहार खुशियाँ लाता हैं. मिट्टी का समान, साज सज्जा का समान कुटीर उद्योग द्वारा बनाये जाते है, जिनसे उनकी जीविका चलती है. Eco Friendly Diwali Kaise Manaye

दीवाली पर परिवारजनों ओर शुभचिंतको को गिफ्ट दिया जाते हैं. इन गिफ्ट्स मैं डिज़ाइनर्स दिये, मिठाइया, कलात्मक क्रेतीयू आदि का शामिल किया जा सकता है. उपर दिए गये लेख को पढ़कर हमने जाना की दीवाली का त्योहार कैसे मनाया जाता हैं. आप लोग दीवाली के इस दिन को जितना हो सके उतना खास बनाने की कोशिश करिए क्यूँ की क्या पता अगले साल आपको यह फेस्टिवल मनाने का चान्स मिले भी या ना मिले. हम ऐसा इसलिए कह रहे हे की जो जॉब करने वाले लोग हे उनमेसे बहुत सी कंपनीज़ ऐसी हे जो दीवाली पर भी अपने एम्प्लोए को लीव नही देती. इसीलिए जब भी खुशिया बटाने का चान्स आपको मिले तो उसे बिल्कुल ना गवाएँ. आप लोगो से मेरी रिक्वेस्ट हैं की आप लोग हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़िए और जानिए की दीवाली के त्योहार को हम और अच्छे से कैसे मना सकते हैं ताकि आप लोग अपने दीवाली को और ज्यादा खास और ब्यूटिफुल बना सके और अपने लाइफ मैं एक साल के बाद आए इस दिन को आप लोग अच्छे से एन्जॉय कर सके.

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