Thursday 17 December 2015

Tension Free Kaise Rahe

तनाव मुक्त कैसे रहे हिंदी स्वास्थ्य नुस्खे


आज तनाव से हर कोई परिचित है क्योंकि तनाव ने हर मनुष्य के जीवन मे अपनी जगह बना ली है। स्कूल मे पढ़ने जाने वाला बच्चा हो या कॉलेज मे पढ़ने वाला किशोर। जीवन की हर अवस्था मे इसका प्रयोग हो गया है। आज हर व्यक्ति जीवन की एक ऐसी दौड़ मे शामिल है जिसमे परिस्थिति या उसके ऊपर दबाव डालती है। उसे काम करने के लिये मजबूर करती है। वह काम करना चाहे या न चाहे, उसे काम करना पड़ता है। यदि वह काम नही करता, तो उसके ऊपर काम करनेका दबाव बढ़ता जाता है, जो उसके लिये तनाव का कारण बनता है और उसके स्वस्थ को नुकसान पहुँचाता है। कई बार अपने इस तनाव को कम करने के लिये ही वह कार्य करता है। Tension Free Kaise Rahe
tanav kaise kam kare
(Tanav Kaise Kam Kare) टेंशन यानी चिंता वो शब्द है जो ना सिर्फ़ मौशया के स्वस्थ पर नकारतमक प्रभाव डालता है। बल्कि टेंशन फ्री कैसे रहे शब्द इंसान के जीवन मे हमेशा के लिए जुड़ जाए तो ये एक बड़ी बीमारी का भी रूप ले लेती है आपकी पूरी दिनचर्या खराब तो कर ही देती है। आपके स्वाभाव मे भी आपको पता नही चलेगा ऐसे खराब बदलाव आ जाते है। तनाव का जिंदगी से गहरा रिश्ता है लेकिन अगर हमें मन और परिस्थिति पर नियंत्रण करने का तरीका आता है तो इस तनाव की छाया हमारे मन और तन पर नहीं पड़ सकती। आइए जानते हैं तनाव भरी स्थिति में कैसे खुश रहा जा सकता है। 

यूँ तो हर व्यक्ति के जीवन मे उतार चड़ाव होते रहते है। मनुष्य के जीवन मे समस्याओं का आना बना रहता है और इससे चिंता का जन्म होता है। लेकिन छोटी छोटी बातों को लेकर मानसिक रूप से तनाव मे हर समय घिरे रहना ये शरीर के लिए काफ़ी नुकसान दायक साबित होता है। इसी से टेंशन फ्री कैसे रहे सवाल उठता हे। आधुनिक जीवन में तनाव न हो यह संभव नहीं है। जीवन मिला है तो रोजमर्रा की परेशानियां भी मिली हैं। गरीब, मध्यवर्गीय, धनी, धनकुबेर सभी किसी-न-किसी कारण से चिंतित रहते हैं और तनाव उनके शरीर को खोखला करता रहता है। समस्याओं की प्रतिक्रिया करने से तनाव उपजता है। तनाव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। 

प्रत्येक व्यक्ति के लिए तनाव के अलग-अलग कारण होते हैं। तनाव के कुछ सामान्य कारणों में परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु, बीमारी, अपने परिवार की देखरेख करना, रिश्तों में बदलाव आना, काम, नौकरी बदलना, जगह बदलना और पैसा हो सकते हैं। यहां तक कि देर तक इंतजार करना, विलंब हो जाना या भारी ट्रैफिक होना जैसी छोटी-छोटी चीजें भी तनाव का कारण हो सकती हैं। Tension Free Kaise Rahe

आज के इस बिज़ी दोर मे हर समय पल रहे टेंशन से अगर आपने दूरी नही बनाई तो इससे कौन कौन सी समस्या पैदा हो सकती है। इसके बारे मे आज हम आपको बताएँगे और साथ ही एक्पर्ट द्वारा बताये गये सुझाव भी बताएँगे जिस से आप पा सकते है टेंशन फ्री लाइफ। ज़्यादा चिंता करने से पैदा होने वाली समस्या, सामान्यीकृत चिंता विकार, जुनूनी बाध्यकारी विकार। हमारी चाहतें तो बहुत हैं लेकिन जब वे पूरी नहीं होतीं या उनको पूरा करने में आ रही चुनौतियों और समस्याओं के कारण तनाव होने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति की तनाव की वजह अलग होती है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए तरीके भी अलग ही होगें। जिस को जो तरीका भाए, उसे वो अपनाना चाहिए। निचे ऐसे ही तनाव मुक्ति के कुछ कारगर तरीके दिये गये हैं, जिन्हें अपना कर आप अपने जीवन के तनाव को दूर सकते हैं।

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Tanav Kaise Kam Kare


Tanav Kaise Kam Kare. सबसे पहले धेर्य को अपनी लाइफ मे बनाए रखे। यह टेंशन फ्री लाइफ का एक महत्वपूर्ण मूल मंत्र है। उसके बाद शांत मन से विचार करे की किन बातों की वजह से आपको ज़्यादा चिंता होती है। अपनी चिंता की सही वजह जानने के बाद सकारात्मक ढंग से उस समस्या के समाधान की और कदम बढ़ाए, बार बार उसी बात के बारे मे ना सोचे जहाँ तक हो खुद को बिज़ी रखने की कोशिश करे ज़्यादा देर तक खाली ना बैठे।

नियमित रूप से एक्सर्साइज़, योगा और वॉक करे। योगा से हमारा शरीर और दिमाग संतुलित रहता है इसलिए लम्बे समय तक कुछ आसन करके आप तनाव मुक्त हो सकते हैं। हर रोज़ कुछ समय तक योगा करें और हफ्ते भर में आप फर्क महसूस करेंगे। योगा क्लास जाइन करके आप 10 से 30 पोज़ सीख सकते हैं जैसे शवासन या शिर्षासन जो कि बहुत मुश्किल माने जाते हैं। अगर आप घर पर योगा करते हैं तो आपका खर्च भी बच सकता है।


नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम आपकी तनी हुईं मांसपेशियों को ढीला करने, आपके मिजाज को ठीक करने और आपको बेहतर नींद लेने में मदद देगा। अपने परिवार और मित्रों से अपनी समस्याओं के बारे में बातचीत करें। बहुत ज्यादा खाने, पर्याप्त न खाने, तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करने, शराब पीने या नशीली दवाओं का प्रयोग करने जैसे अस्वास्थ्यकर तरीकों के जरिए तनाव से न निपटें।

खानपान की आदतों और जीवनशैली मे बदलाव लाए। जंक फुड, चाय, कोफ़ी, आल्कॉल और सिगरेट जैसे चीज़ें थोड़े समय के लिए चिंता से राहत ज़रूर दिलाते है लेकिन इसकी आधिक मात्रा मस्तिष्क की कार्यशर्मता घटती है। संतुलित आहार लें। उच्‍च कैलोरी युक्‍त भोजन से दूर रहें। ऐसा आहार जिसमें वसा और शर्करा की मात्रा काफी अधिक हो, वह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। सम्यक, संतुलित, और सात्विक आहार शरीर और मन को पुष्ट करता है। तला हुआ चटपट खाना हाजमे को ख़राब करता है और शरीर को बोझिल बनाता है। Tension Free Kaise Rahe

सकारात्मक सोच अपनाए। अच्छी किताब पढ़े और खुशमिजाज लोगों के साथ वक्त बिताए अपने आपको कुश रखना इतना भी मुश्किल नही है की इसके लिए आपको अलग अलग काम करने पड़े बस कुछ टिप्स अपनाने की ज़रूरत है जिसे आप हमेशा खुश रहेंगे। बस अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखे कभी भी कुछ भी ग़लत ख़याल मन मे आए उसे पहले सोचे की उस ग़लत बात के पीछे क्या कुछ अच्छी बात हो सकती है। फिर भी कुछ समज ना आए तो अपने आपको काम मे व्यसत कर ले। इतना टेंशन मत ले की आप बीमारी की दुकान बन जाए। कुछ हसी मज़ाक के सिरिअल देखे वैसे भी आज कल ऐसे बहूत से सीरियल आते है जिनसे आपका मन अच्छे से बहल जाएगा। जब भी कोई नकारात्मक सोच या विचार आए तो जीवन के खुशी भरे पलों को याद करे। की दोस्त व साथी सकारत्मक सोच वाले बनानेके कोशिश करें। 


जब कभी भी तनाव का अहसास हो, तो गहरी सांस लें और मस्तिष्‍क में सकारात्‍मक विचार लायें। ऐसा करके आप तनाव को थोड़ा कम कर सकते हैं। इसके साथ ही आप ध्‍यान और योग का सहारा भी ले सकते हैं। प्रोग्रेसिव रिलेक्‍सेशन, व्‍यायाम, संगती सुनना और दोस्‍तों तथा परिजनों से बात करना भी तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है।

(Tanav Kaise Kam Kare) देर से उठना कई परेशानियों की जड़ है। किसी दिन 15 मिनट देर से उठें तो पाएंगे की रोजमर्रा के सभी काम करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कामकाज पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जल्दी उठने की आदत डालें। इसी के साथ जल्दी सोने की आदत भी डालनी चाहिए। काम पर जल्दी निकालने से आप ट्रेफिक की समस्या से बच जाते हैं और ड्राइविंग में मज़ा भी आता है। यह जांचें की आपको तैयार होने में कितना समय लगता है और कहीं पहुँचने में कितना समय लगता है। इस समय को कम करके न आंकें। एक छोटा सा अंतराल भी बड़ा बदलाव ला सकता है। सिर्फ दस मिनट का परिवर्तन लाकर देखें। आपको फर्क पता चलेगा।

कर्म पर ध्यान दें, परिणाम स्वत: ही उपयुक्त होगा। परिणाम चिंता का कारण है। अपने को श्रेष्ठ बनाएं। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रखें। दूसरों की तरह करने का प्रयत्न न करें। ‘उसकी साड़ी मेरी साड़ी से सफेद कैसे’ के चक्कर में न पड़ें। थोड़ा बहुत तनाव अच्छा है, इसको हम स्ट्रैस कहते हैं। इसके चलते हम प्रगति करते हैं। अधिक होने पर यह डिस्ट्रेस हो जाता है और नुक्सानदायक होता है। हमें डि-स्ट्रैस को द-स्ट्रैस करना है। 

दोस्तों अगर आप सभी को या फिर आपकी फेमिली को तनाव मुक्त रहना है तो बस इतना कीजिये।

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