Wednesday, 14 October 2015

Dosti Shayari Page-4

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Dosti Shayari-1

ये दुआ है हमारी बीते सुख से जिंदगी तुम्हारी
दोस्त मूज़े प्यारी हैं तेरी यारी
जिसके लिए वॉर सकता हूँ दुनिया सारी.

Dosti Shayari-2

रिश्तो की किताब का कवर है आपकी दोस्ती
आपकी दोस्ती से बनी है हुमारी हस्ती
खून के रिश्तो की बात आप करते है
हुमारे लिए तो ज़िंदगी है आपकी दोस्ती.

Dosti Shayari-3

आसमान हमसे नाराज़ हैं
तारों का गुस्सा बेहिसाब हैं
वो सूब हुंसे जलते हैं क्यूँ की
चाँद से बेहतर दोस्त हमारे पास हैं.

Dosti Shayari-4

ज़िंदगी को एक रंगीन कलपना समझो
सुबह को सच रात को सपना समझो
भूलना चाहते हो सभी घुमओ को तो
ज़िंदगी मे दोस्तो को अपना समझो

Dosti Shayari-5

तुम हमेशा खुश रहो, ऐसी विश हैं हमारी
ओर आगे बढ़ते रहो, ऐसी दुआ है हमारी
तुम जहा भी हो जैसी भी हो
एक दिन हमे ढूँढ पाओ, ऐसी ख्वाइश है.

Dosti Shayari-6

सितम ही करना जफ़ा ही करना निगाह-ए-लुत्फ़ कभी ना करना
तुम्हें क़सम है हमारे सर के हमारे हक़ में कमी ना करना
कहाँ का आना कहाँ का जाना वो जानते ही नही ये रस्में
वहाँ है वादे के भी ये सूरत कभी तो करना कभी ना करना
हमारी मय्यत पे तुम जो आना तो चार आँसू बहा के जाना
ज़रा रहे पास-ए-आबरू भी कहीं हमारी हँसी ना करना
वो इक हमारा तारिक़-ए-उलफत की दुश्मनों से भी मिल के चलना
ये एक शेवा तेरा सीतमगार की दोस्त से दोस्ती ना करना

Dosti Shayari-7

सभी दोस्तो को “HAPPY NEW YEAR ” आप सेब की मैल बरबेर मिलती रहती है कभी -कभी जवाब लाते हो जाता है उस के ले शमा चटा हू .आप सब का प्यार मुघे यहा तक ले आया .उमिद करता हू आगे भी एसी तरह आप सेब का प्यार मिलता रहे गा
एक बार फिर आप सबी को “H A P P Y N E W Y E A R
Old Year सब से हो रहा है दूर*
क्या करें यही है कुद्रट का दस्तूर*
पुरानी यादें सोच कर उदास ना हो तुम*
नया साल आया है चलो..
धूम मचले, धूम मचले धूम!!
सुनेहरी धूप बरसात क बाद
थोरी सी हँसी हेर बात क बाद
उसी तरग हो मुबारक आप को 2016, 2015 के बाद
Wish You HaPPy New Year..
कभी हसती है तो कभी रूलाती है
ये ज़िंदगी भी ना जाने कितने रंग देखती है
हेस्ट है तो भी आँखों में नामी आ जाती है
ना जाने ये कैसी यादें है जो दिल में बस जाती है
दुआ करते है इस नये साल क अवसर पेर
मेरे दोस्तों क लबों पेर सदा मुस्कान रहे
क्योकि उनकी हेर मुस्कुराहट हमें खुशी दे जाती है.

Dosti Shayari-8

जो मुश्किल आसान बनाते हैं
जो दुश्मन को गिरते हैं
जो हुंस्ते और हँसते हैं
उन को भला किया कहते हैं?
उन ही को दोस्त कहते हैं
जो जीत की खुशी मानते हैं
जो हार मैं साथ बिताते हैं
जो फिर भी कहाँ जताते हैं
उन को भला किया कहते हैं?
उन्ही को दोस्त कहते हैं
जो होते हैं ख़ज़ाने हुमारे लिये
जो होते हैं सहारे हुमारे लिये
जो प्यार देते हैं प्यार लेने के लिये
उन को भला किया कहते हैं?
इन्ही को दोस्त कहते हैं
जिन की क़ीमत पता चलती है भिचरने के बाद
नही खरीदा जा सकता उन को पैसे से यार
यह हैं हुमारे लिये खुदा का प्यार
इन को भला किया कहते हैं?
इन्ही को दोस्त कहते हैं.

Dosti Shayari-9

फिर क्यू दोस्त हमसे तुम ही जुड़ा हो
तुम रात हो तुम ही दिन हो
तुम आज हो तुम ही कल हो
तुम चाँद हो तुम ही सूरज हो
तुम अंबार हो तुम ही धरती हो
तुम बादल हो तुम ही बारिस हो
तुम नदी हो तुम ही सागर हो
तुम गुल हो तुम ही गुलशन हो
तुम बाग हो तुम ही बहार हो
तुम फूल हो तुम ही कली हो
तुम दिल हो तुम ही धड़कन हो
तुम मॅन हो तुम ही मनमीत हो
तुम नैन हो तुम ही सपना हो
तुम सांस हो तुम ही जिंदगी हो
तुम चाहत हो तुम ही अरमान हो
तुम आस हो तुम ही प्यास हो
फिर क्यू दोस्त हुंसे तुम ही जुड़ा हो.

Dosti Shayari-10

जब जिंदगी मेरी कुछ रुकने लगी थी,
बढ़ते कदम कुछ थकने लगे थे,
सहारा यू दोस्त का मिला मुझको
के दोस्ती पे अपनी गुमान आने लगा मुझको.
कुछ चेहरे जब पराए होने लगे थे,
कुछ हाथ छोड़ के जाने लगे थे,
तेरे हाथ ने कुछ यू थमा मुझको
के दोस्ती पे अपनी गुमान आने लगा मुझको.
सफ़र मैं जब पाया अकेला मैने खुदको था,
शितिज पे तारा कोई ना था राहगीर मेरा,
कुछ यू हुंसफर बन गये तुम मेरे,
के दोस्ती पे अपनी गुमान आने लगा मुझको.
अब ना क़िस्सी साथी की ख्वाहिश होगी
के दोस्त तेरे जैसा जो मिल गया है मुझको,
कुछ यू खिली है मुश्किलो मैं दोस्ती अपनी
के दोस्ती पे अपनी गुमान आने लगा मुझको.
अब ना आनजम की फ़िक्र है मुझको,
नही राह की मुश्किलो का कोई डर है,
बाते कुछ पल साथ हम राह मैं इसतरह
के दुनिया करे गुमान दोस्ती पे अंपनी.

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