Monday, 18 January 2016

Ghav Ko Jaldi Kaise Bhare

Home Remedies And Ayurvedic Treatment For Wounds In Hindi


ghav bharne ke tips
रोजमर्रा के जीवन मे छोटी मोटी लापरवाही के चलते चोट लगना एक आम बात है। कभी हम चल रहे। तो अचानक चोट लग जाना, या सो रहे है सोते सोते गिर जाना ये सब हादसे हमारे साथ होते रहते है। लेकिन कई बार ये छोटे मोटे अक्सिडेंट बड़ी परेशानी का करना बन सकते है। कुछ घाव ऐसे होते है जो जल्द भर जाते है और कुछ को भरने मे वक्त लगता है ऐसी ही घावों को जल्दी भरने के लिए हम आपको बताने जा रहे है कुछ आयुर्वेदिक उपाए।

किसी चोट के कारण जब त्वचा फट जाती है या पंचर हो जाती है, तो त्वचा पर एक घाव हो जाता है जिसे खुला घाव कहते हैं।। किसी मानसिक आघात या सदमे के कारण जब कोई चोट पहुँचती है तो अंदरूनी घाव होता है जिसे बंद घाव के नाम से जाना जाता है। किसी भी प्रकार का घाव हुआ हो, टांके लगवाए हो या ऑपरेशन का घाव हो, अंदरूनी घाव हो या बाहरी हो, घाव पका हो या ना पका हो। लेकिन आपको प्रतिजिविक लेकर जठर, आँतो, यकृत और गुर्दे को साइड एफेक्ट द्वारा बिगड़ने की कोई ज़रूरत नही है। बल्कि नीचे दिए जा रहे आसान घरेलू उपाए को अपनाकर किसी भी तरह के गहरे से गहरे घाव को जड़ से मिटाया जा सकता है।

घाव जल्दी भरने के उपाय


•  ग्वारपाठे के टुकड़े को एक ओर से छीलकर उस पर थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी छिड़के तथा आग पर गरम करके सूजन वाले स्थान पर बांध दें, तो सूजन कम हो जाती है। इसे तीन चार बार बांधना चाहिए। नीम के हरे पत्ते १५ ग्राम लेकर खूब महीन पीस लें। इसकी लुगदी की एक टिकिया बना लें फिर उस तेल में नीम की टिकिया को भली भांति घोंट दें। इस प्रकार मलहम तैयार हो गया , उसे किसी चौड़े मुंह वाली शीशी में रख लें। ६ ग्राम कपूर खूब महीन पीसकर उसमें अच्छी तरह मिला दें। इस नीम के मलहम को फोड़ा फुन्सी, घाव आदि पर दिन में दो तीन बार लगाने से , जल्दी ठीक हो जाते है।

•  घाव को साफ करने के लिए ताजे गौमुत्रा का उपयोग करे। बाद मे घाव पर हल्दी का लेप लगाएँ।

•  एक से तीन दिन तक उपवास रखें। ध्यान रखें कि उपवास के दौरान केवल उबालकर ठंडा किया हुआ या गुनगुना गर्म पानी ही पीना है, अन्य कोई भी वस्तु खानी-पीनी नहीं है। दूध भी नहीं लेना है। उपवास के बाद जितने दिन उपवास किया हो उतने दिन केवल मूंग को उबाल कर जो पानी बचता है वही पानी पीना है। मूंग का पानी धीरे-धीरे गाढ़ा करके लिया जा सकता है।

•  चन्दन की लेई घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।  कच्चे केले का रस घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।  लहसुन का रस और हल्दी तिल के तेल के साथ मिलाकर बनाये हुए मिश्रण से सूजन कम हो जाती है और घाव जल्दी भर जाते हैं। तिल और नीम के पत्ते एरंडी के तेल के साथ भूनकर और हल्दी और कपूर के साथ पीसकर घरेलू मरहम बनाया जा सकता है। इस मरहम को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

•  मूंग के पानी के बाद धीरे-धीरे मूंग, खिचड़ी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी इस प्रकार सामान्य खुराक पर आना चाहिये। कब्ज की शिकायत हो तो रोज 1 चम्मच हरड़ का चूर्ण सुबह अथवा रात को पानी के साथ लें। जिनके शरीर की प्रकृति ऐसी हो कि घाव होने पर तुरंत पक जाता हो, उन्हें त्रिफला गूगल नामक 3-3 गोली दिन में 3 बार पानी के साथ लेनी चाहिए।

•  अगर त्‍वचा चिल गई है या उस पर घाव बन गया है तो, त्‍वचा को तुरंत ही साफ पानी से धो कर उस पर शहद का थोड़ा सा लेप लगाएं। अगर त्‍वचा पर सूजन भी आ गई होगी तो वह भी शहद लगाने से चली जाएगी।

•  तिल और नीम के पत्ते एरंडी के तेल के साथ भूनकर और हल्दी और कपूर के साथ पीसकर घरेलू मरहम बनाया जा सकता है। इस मरहम को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

•  खजूर की गुठली को जलाकर भस्म बना लें। पुराने घावों पर इस भस्म को लगाने से वे जल्दी भर जाते हैं। 

•  सिरका ही कटी त्‍वचा पर लगाने से जलता है मगर यह घाव को भरने में बिल्‍कुल भी समय नहीं लेता। इसकी एक बूंद रूई पर डाल कर घाव पर लगाइये।

•  शस्त्र से घाव लगने पर तुरंत उस पर शुद्ध शहद की पट्टी बांधें, या हरड या हल्दी या मुलहठी का चूर्ण या भुंतभौंगड़ा या हंसराज की पत्तियां पीसकर उसका लेप घाव पर लगावें। ऐसा करने से रक्त तुरंत रुक जाता है और पकने की संभावना कम रहती है।

•  सुबह 50 ग्राम गोमूत्र तथा दिन में 2 बार 3-3 ग्राम हल्दी के चूर्ण का सेवन करने से बहुत जल्दी लाभ होता है। पुराने घाव में चन्द्रप्रभा वटी की 2-2 गोलियां दिन में 2 बार लें। जात्यादि तेल अथवा मलहम घाव पर लगाएं इससे घाव जल्दी से भरने लगेगा।

•  संतरे, अंगूर, लहसून, गाजर का सेवन करने से घावों के भरने में सहायता मिलती है। पिसे हुए पुदीने को एक कपड़े में बांधकर घाव पर रखने से घाव जल्दी भर जाते हैं और संक्रमण का डर भी नहीं रहता। तुलसी के पत्तों का चूर्ण भुरभुराने से या बेल के पत्तों को पीसकर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं। नींबू के रस के साथ अजवाइन की लेई बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

•  जलने के छोटे घावों पर नारियल का तेल और नींबू का निचोड़ अच्छी तरह से काम करता है। नारियल के तेल में लोरिक आम्ल, कप्रिक आम्ल और माय्रिस्टिक आम्ल होते हैं जो किसी भी तरह के संक्रमण को मिटाते हैं। नींबू के निचोड़ में आम्लाता और कसैले गुण होते हैं जो घाव के निशान कम करते हैं।

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