Friday, 8 January 2016

Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde

मत्स्यासन कैसे करे और उसके फायदे


matsyasana in hindi
Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde मत्स्य का अर्थ है- मछली। इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनता है, अत: यह मत्स्यासन कहलाता है। यह आसन छाती को चौड़कर उसे स्वस्थ बनाए रखने में सक्षम है। मत्स्यासन को करने वाले बिना हिले-डुले पानी में घंटों तैर सकते हैं, इसलिए इसे मत्स्यासन कहते हैं। Matsyasana Kaise Kare. मत्स्यासन के द्वारा ग्रीवा की कशेरूका और मांसपेशियां आगे-पीछे खिंचने से लचीली व मजबूत बनती है।  

मत्स्यासन को करने के बहूत फायदे है पर ध्यान रहे इसे करना हर किसी के बस की बात नही है। इसलिए इसे करने से पहले किसी योग अभ्यास पुरष की मदद ज़रूर ले। इस आसन मे शरीर का आकार मछली जैसा बनता है और इसलिए ये मत्स्यासन कहलाता है। प्लाविनी प्राणायाम के साथ इस आसन की स्थिति मे लंबे समय तक पानी मे तैर सकता है। मत्स्यासन योग करते समय शरीर का आकार मछली की तरह होने के कारण इसे 'मत्स्यासन' और अंग्रेजी में 'Fish Pose' कहा जाता हैं। कमर ओर गले से संबंधित समस्या से परेशान लोगो के लिए यह एक श्रेष्ठ आसन हैं Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde.

मत्स्यासन करने की विधि Matsyasana Karne Ki Vidhi


•  कंबल को पूरी तरह से बिछाए।

•  उसपर अपने साधारण तरीके से बैठिए।

•  जैसे हमने पद्मासन मे देखा वैसे ही दोनो पैरों को एक के उपर एक रखे।

•  अपने डाए हाथ से बाए पैर(लेग) को पकड़े और बाए हाथ से डाए पैर को पकड़े।

•  Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde चित्र मे दिखाए गये अनुसार धीरे धीरे से पीछे की और जाए और लेट जाए। याद रखे ये करते वक़्त अपिर और हाथ छूटने नही चाहिए।

•  उसके बाद पिछली हड्डी और सिर को मोड।

•  ऐसा करते वक़्त ध्यान रखे की आपकी पिछली हड्डी को मोच ना आए। और अगर आपसे ये धीरे धीरे से ना हो तो किसी की सहयता ले। शुरुआत मे सहायता ले ही ले क्यों की जरा सी ग़लती आपका दर्द बढ़ा दे। जब आपको आदत हो जाए तब खुद करना शुरू करे Matsyasana Kaise Kare.

•  कुछ देर ऐसे ही रहिए जब तक आप रह सके।

•  उसके बाद धीरे धीरे अपनी साधारण अवस्था मे बैठ जाइए।

•  यह आसन करते समय श्वसन की गति नियमित रखे।

•  इस आसन को सर्वांगासन करने के बाद करने पर ज्यादा लाभ होता हैं।

मत्स्यासन के लाभ Matsyasana Ke Labh


•  यह आसन चेहरे और त्वचा को आकर्षक तथा शरीर को कांतिमान बना देता है।

•  रीढ़ के विकार दूर हो जाते हैं। Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde.

•  म्त्स्यासन से पूरा शरीर मजबूत बनता है। गला,छाती, पेट की तमाम बीमारियाँ दूर होती हैं।

• Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde आँखों की रोशनी बढ़तीहै। गला साफ रहता है।श्वसनक्रिया ठीक से चलती है। कन्धों की नसें उल्टी मुड़ती हैंइससे छाती व फेफड़ों का विकास होता है। पेट साफ रहता है।

•  थाइरोइड, मधुमेह, अग्नाशय ओर पाचन प्रणाली में लाभकारी।

•  श्वास रोग को दूर भगाता हैं।

•  इस आसन के द्वारा शरीर में शुद्ध खून का निर्माण एवं संचार होता है जिसके कारण चेहरे पर चमक आ जाती है।

•  त्वचा रोगों को दूर करता है।

•  शुद्ध रक्त का निर्माण तथा संचार करता है।

•  सर्वांगासन के बाद यह आसन किया जाए तो सर्वांगासन के दौरान गर्दन और ग्रीवामणि की पेशियों में जो तनाव आता है, वह दूर हो जाता है।

•  यह आसन मेरुदंड और पीठ दर्द के रोगों के लिए भी लाभकारी है। गैस्ट्रिक, गले से संबंधित रोग, उच्च रक्तचाप, हाइपो थॉयरोडिज्म आदि में भी उपयोगी है।

•  ये आसन करने से बहोत से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता हे। इससे भी पाचन शक्ति बढ़ने के साथ साथ छाती के दर्द दूर किए जा सकते हे।

•  जैसा के आप देख रहे हो इसे करते वक़्त आपके गले का भाग बढ़ता हे उसकी वजह से आप ज़्यादा से ज़्यादा ताजी हवा अपने अंदर ले सकते हो। Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde.

•  इस योगा को करने से आपका पिछला भाग भी सरल रहता हे और आप मुड़े हुए और ढीले ढाले नही दिखते।

•  इस आसन से अपानवायु की गति नीचे की ओर होने से मलावरोध दूर होता है। थोड़ा पानी पीकर यह आसन करने से शौच-शुद्धि में सहायता मिलती है।

•  पाचन संस्थान, आमाशय, यकृत, गुर्दे और फेफड़ों पर प्रभाव डालकर इन अंगों से संबंधित रोगों में यह आसन चमत्कारिक लाभ देता है। इस आसन से फेफड़े, श्वसन नलिका और स्वर ग्रंथि के विकार दूर होते हैं।

•  यह आसन टांसिल, मधुमेह,घुटनों तथा कमर के दर्द के लिए लाभदायक है।

•  कब्ज दूर कर भूख बढ़ाता है तथा भोजन पचाता और पेट की गैस दूर करता है।

•  खांसी और दमा को दूर करता है।

•  साँस लेने मे कोई तकलीफ़ नही होती है।

•  रक्त पूरे शरीर मे अधिक मात्र मे बहने लगता है कहने, का भाव है दौड़ने लगता है।  इसकी वजह से चमड़ी के रोग नही होते।

•  मत्स्यसना स्त्रीयो मे उनके मासिक धर्म मे आने वाली सारी समस्या को दूर कर देता है।  मासिक धर्म को नियमित रूप से रहने देता है। उसमे यह आसन बहूत फायदेमंद रहता है Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde

सावधानी 


•  Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde छाती व गले में अत्यधिक दर्द या अन्य कोई रोग होने की स्थिति में यह आसन न करें। 
•  बड़ी सावधानी से यह आसन करना चाहिए, शीघ्रता से गर्दन में मोच आ जाने का भय रहता है, क्योंकि धड़ को बिल्कुल ऊपर कर देना होता है। 
•  यह आसन एक मिनट से पाँच मिनट तक किया जा सकता है।
•  जिन लोगो का रक्तचाप बेहद ज्यादा या बेहद कम रहता है वह यह योग न करे। 
•  पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम करने के लिए और मोटापा काम करने के लिए यह एक उपयोगी आसन हैं।  
•  गर्दन में मोच आ सकती है।  घुटना दर्द में नही करना चाहिए।
•  सुबह खाली पेट करे। Matsyasana Kaise Kare or Uske Fayde.
•  14 वर्ष से कम आयु के बच्चे यह आसन करते समय अंतिम मुद्रा में न रुके।

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