Sunday, 20 December 2015

Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde

अश्वगंधा क्या है और उसके फायदे


ashwagandha ke faydeआयुर्वेद में जड़ी बूटियों का बड़ा महत्व है। इनके प्रयोग से मानव जाति को जीवनदान मिला है। इनमें से एक प्रसिध्द जड़ी बूटी है अश्वगंधा। अश्वगंधा एक बलवर्धक जड़ी है इसका पौधा झाड़ीदार होता है। जिसकी ऊंचाई आमतौर पर 3−4 फुट होती है। औषधि के रूप में मुख्यतः इसकी जड़ों का प्रयोग किया जाता है। कहीं−कहीं इसकी पत्तियों का प्रयोग भी किया जाता है। अश्वगंधा सैकड़ों वर्ष से एक हर्बल उपचार के रूप में उपयोग में लाया जाता है। न केवल भारत में, बल्कि नेटिव अमेरिकिन और अफ्रीकन भी सूजन और बुखार का इलाज और संक्रमण के खिलाफ संरक्षण के रूप में इसका उपयोग कर रहे है। Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde.

अश्वगंधा से थायरॉयड, त्वचा संबंधी रोग, शरीर की दुर्बलता इत्यादि को दूर किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं अश्वगंधा के अधिक प्रयोग के नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक अच्छा और एक बुरा। ठीक वैसे ही अश्वगंधा के फायदे अनेक है लेकिन अश्वगंधा के अतिरिक्त प्रभाव भी कम नहीं है। आर्युवेद में अश्‍वगंधा का विशेष स्‍थान है, इसे भारत में कई स्‍थानों पर भारतीय गिनसेंग भी कहा जाता है। इसकी जड़ों का इस्‍तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। कई बार शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी इसका इस्‍तेमाल होता है।

अश्वगंधा चाय पौधों की जड़ों और पत्तियों से बनी होती है। स्कूली बच्चों की याद्दाश्त को बढ़ाने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को भी इसके सेवन से फायदा होता है, क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें हार्ट अटैक के खतरे को कम करने की क्षमता मौजूद होती है। यह मधुमेह से ग्रसित लोगों में मोतियाबिंद जैसी समस्या पर भी लगाम लगाता है। संस्कृत  में “अश्व” का मतलब “घोडा ” और ” गंध”  का मतलब  ‘ गंध ” ही है।। सामूहिक रूप से अश्वगंधा का अर्थ घोड़े की गंध  है। औयुर्वेदिक  जड़ी बूटी “अश्वगंधा ” एक घोड़े की शक्ति, चपलता और शक्ति प्रदान करता है। प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा इस जड़ी बूटी का लंबी बीमारी के बाद मरीजों के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए  इस्तेमाल किया गया है। तो आयिए जानते है अश्वगंधा के फायदे। (Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde)

* अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Ke Fayde)

•  अश्वगंधा का चूर्ण 2 ग्राम, धात्रि फल चूर्ण 2 ग्राम तथा 1 ग्राम मुलेठी का चूर्ण मिलाकर 1 चम्मच सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

•  यह अल्ज़मियर रोग के उपचार मे भी सहायक पाया गया है। फिलिश बालच के अनुसार, एक प्रमाणित पोषण विशेशाघया के मुताबिक,  यह जड़ी बूटी मस्तिष्क उपयोगी ektelkoline जो एक रसायन है संसोधित करने के द्वारा सही स्मृति हानि मे मदद  करता है। जो तांत्रिक कोशकियाओं के बीच सौरेश पहुचता है यह आश्चर्यजनक जड़ी बूटी आपनी ही कोशिकाओं को नष्ट करने से मस्तिष्क को बचाने के मदद करता है स्मृति हानि और सग्यात्म्क हानि को रोकता है।

•  आमतौर पर महिलाओं में पायी जाने वाली बीमारी थायराइड में अश्वगंधा का इस्तेमाल कारगर होता है। इसके लिए 200 से 1200 मिलीग्राम अश्वगंधा चूर्ण को चाय के साथ मिला कर लें। चाहें तो इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए तुलसी का प्रयोग भी कर सकते हैं।

•  अश्वगंधा के पौधे में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो वजन घटाने, लकवा आदि से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। ये पौधे बुखार, संक्रमण और सूजन आदि शारीरिक समस्याओं के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। 

•  अश्वगंधा के सेवन से ब्लड शुगर का स्तर कम होता है और यह मधुमेह की बीमारी को नियंत्रण में रखती है। इसके चूर्ण खाने से कोलेस्ट्रॉल भी कम होती है।

•  अश्‍वगंधा का सेवन करने से प्रजनन में इजाफा होता है। इससे स्‍पर्म काउंट बढ़ता है और वीर्य भी अच्‍छी मात्रा में बनता है। Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde.

•  अश्वगंधा को एक हल्के शामक के रूप में भी जाना जाता है चूंकि यह मन को शांत करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देते है। यह एक टॉनिक के रूप में आयुर्वेदिक चिकित्सा में तनाव को रोकने और सहनशक्ति को बढ़ाता है।

•  अश्वगंध के पत्ते बॉडी पर हुए घाव व किसी प्रकार के जख्म को जल्दी भर कर ठीक कर देते है।

•  अश्वगंध पौधे के पत्ते त्वचा पर होने वाले रोगो से बचाता है। [Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde]

•  अश्वगंधा का कपड़े से छना हुआ बारीक चूर्ण और चीनी बराबर मिलाकर रखें, इसको 1 चम्मच गाय के ताजे दूध के साथ सुबह भोजन से 3 घंटे पूर्व सेवन करें। इस चूर्ण को चुटकी-चुटकी भर खाते हैं और ऊपर से दूध पीते रहें। रात के समय इसके बारीक चूर्ण को चमेली के तेल में अच्छी तरह घोटकर लगाने से इन्द्रिय की शिथिलता दूर होकर वह कठोर और दृढ़ हो जाती हैं।

•  सभी लोग इस पौष्टिक वनस्पति का फायदा ले सकते हैं। हजारों लाखों रूपयों की विदेशी औषधियाँ शरीर को उतना निर्दोष फायदा नहीं पहुँचातीं, उतना पोषण नहीं देतीं, जितना पोषण अश्वगंधा देती है।

•  अश्वगंधा सीफिल्स  मरीज और रोगों से पीड़ित लोगों की पूरी कमजोर  प्रणाली को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है।

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•  अश्वगंधा आधारित दवाएं  आमवाती बुखार के मरीजों को नई ऊर्जा देते  हैं।

•  अश्वगंधा चूर्ण को रोज दूध के साथ लेना चाहिए। इससे दिमाग तेज होता है।

•  स्त्रियों में इसका सेवन स्तनपान breastfeeding कराते समय दूध की मात्रा में वृद्धि galactagogue करता है और हॉर्मोन के संतुलन में मदद करता है। इसका सेवन भ्रूण fetus को स्थिर करता है और हार्मोन पुन: बनाता है। प्रसव after delivery बाद इसका सेवन शरीर को बल देता है।

•  सर्दियों के लिए पौष्टिक किसी भी 1 कि।ग्रा। पाक में 50 से 100 ग्राम अश्वगंधा डाल सकते हैं। इससे उस पाक की पौष्टिकता में कई गुना वृद्धि हो जायेगी। (Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde)

•  यह मन को शांत करता है और और सहनशक्ति में वृद्धि करता है।

•  यह हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता है।

•  यदि आपको अनिंद्रा की शिकायत है, तो अश्वगंधा आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
•  अगर आप पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं तो अश्वगंधा चूर्ण में सोंठ तथा मिश्री को 2:1:3 के अनुपात में मिलाएं। सुबह-शाम खाना खाने के पश्चात गर्म पानी के साथ इस मिश्रण का सेवन करें। इससे गैस की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

•  वजन कम होने से परेशान हैं तो एक गिलास दूध में 1 से 3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को मिला कर इसका सेवन करें। इससे आप तरोताजा भी महसूस करेंगे।

•  अश्वगंधा में कुछ ऐसे तत्व भी हैं जिसमें कैंसर के ट्यूमर की वृद्धि को रोकने की पर्याप्त क्षमता होती है। इसकी जड़ में अल्कोहल के गुण होते हैं जो शरीर पर कोई टॉक्सिन नहीं छोड़ता है और इसमें ट्यूमर के ग्रोथ को रोकने की क्षमता होती है। अश्वगंधा कैंसर से छुटकारा दिलाने में बहुत सहायक होता है। Ashwagandha Kya Hai Aur Uske Fayde.

•  जो लोग अश्वगंधा का इस्तेमाल अधिक करते हैं उनके शरीर में परिवर्तन आने लगता है जैसे शरीर का तापमान अधिक बढ़ना जिसकी वजह से बुखार तक आने लगता है यदि आपका तापमान बढ़ने लगे तो आप इसका सेवन करना तुरंत बंद कर दें नहीं तो परेशानी अधिक बढ़ सकती है साथ ही अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बता दें।

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•  अश्वगंधा की जड़ के महीन चूर्ण को तीन ग्राम की मात्रा में गर्म प्रकृति वाली गाय के ताजे दूध से वात प्रकृति वाला शुद्ध तिल से और कफ प्रकृति का व्यक्ति गर्म पानी के साथ एक वर्ष तक सेवन करे तो निर्बलता दूर होकर सब व्याधियों का नाश होता है और निर्बल व्यक्ति बल प्राप्त करता है।

•  इसमें एंटी-एजिंग लाभ भी है चूंकि यह ऊतको के पुनर्जनन को बढ़ावा देता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। 

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1 comment:

  1. क्या सफ़ेद बालों को काला करने के लिए अश्वगंधा के फायदे मिल सकते हैं ?

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