Monday 4 January 2016

Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde

सर्वांगासन कैसे करे और उसके फायदे


yoga tips in hindiSarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde सर्वांगासन का अर्थ है ऐसा आसान जिसको करने से शरीर के रोग दूर होकर शरीर मे स्वर्ग की तरह सच की अनुभूति हो। इस आसान से कुण्डलिनी शक्ति को जगाने मे मदद मिलती है। यह शरीर मे विष का नाश कर जीवनी शक्ति का विकास करता है। हर एक आसन में सेहत को ठीक रखने और जीवन को लंबा बनाने का उचूक रहस्य छिपा हुआ है। सर्वांगासन शरीर के लिए एक पूरा व्यायाम है। सर्वांगासन थोड़ा मुश्किल आसन है। लेकिन अभ्यास से इसे आसानी से किया जा सकता है। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde

अंग्रेजी में इस आसन को Shoulder Stand Pose कहा जाता हैं। कुछ योग विशेषज्ञ तो इस आसन को अन्य सभी आसनों की जननी भी कहते हैं। इस आसन से थायराइड नामक अन्तःग्रन्थि की शक्ति बढ़ती है। वहाँ रक्तसंचार तीव्र गति से होने लगता है, इससे उसे पोषण मिलता है। थायराइड के रोगी को इस आसन से अदभुत लाभ होता है। इस आसन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इस स्थिति में शरीर का वजन पूर्णत: कंधे पर आ जाता है। तो चलों देखते हे की कैसे करे सर्वांगासन। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde

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सर्वांगासन कैसे करे (Sarvangasana Kaise Kare )


•  एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी या चटाई बिछा दे।
•  सबसे पहले पीठ के बल लेट जाए। 
•  दोनों पैरों को एक दुसरे के पास रखे। 
•  बांहें शरीर के दोनों तरफ और हथेलियां ज़मीन की दिशा में होनी चाहिए।
•  हाथ को शरीर के पास रखे और हथेलियों को जमीन पर रखे। 
•  अपना मुंह आकाश की ओर रखे। 
•  आँखों को बंद कर पुरे शरीर को शिथिल / ढीला रखे। 
•  गहरा श्वास ले और धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाए। पैरों को घुटनों से मोड़े नहीं और सीधा रखे। 
•  पैरों को उठाते समय कमर को भी ऊपर उठाना प्रारंभ करे। 
•  श्वास अन्दर भरते हुए आवश्यकतानुसार हाथों की सहायता से पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री और अन्त में 90 डिग्री तक उठाएँ। 
•  कमर और पीठ को ऊपर उठाने के लिए हाथों का सहारा ले। कुंहनिया जमीन से टिकी हुई होनी चाहिए। 
•  पैर, कमर और पीठ को इतना ऊपर उठाए की सिर और गर्दन के साथ बाकि शरीर का समकोण तैयार होना चाहिए। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde
•  पीठ को हाथो से सहारा देते वक्त ख्याल रखे की हाथों की उंगलिया एक दुसरे के सामने होनी चाहिए और अंगूठे की दिशा पेट की तरफ होनी चाहिए। 
•  चेहरे की दिशा ऊपर आकाश की तरफ या पैरों के अंगूठे पर और ठुड्डी कंठ से लगा होना चाहिए। 
•  इस स्तिथि में क्षमतानुसार रुकने के बाद दोनों पैरो को धीरे-धीरे निचे लाकर पूर्व स्तिथि में लेट जाना हैं। 
•  जितने समय तक आप सर्वागासन करते है उतनी ही अवधि तक शवासन में लेटकर विश्राम करना चाहिए।

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सर्वांगासन के लाभ (Sarvangasana ke Fayde)


•  इस आसान से सभी तनाव, थकावट आदि दूर हो जाती है। इस आसान को करने से शरीर मे एक प्रकार का रस निर्मित होता है जो मनुष्या के बुढ़ापे को आने से रोकता है।

•  Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde. यह आसन, बुख को बढ़ाता है, सर का दर्द, आँखों और मस्तिष्क का दर्द ठीक करता है।

•  इस आसन को करने से चर्म रोग नही होता, क्यूंकी इस आसन से रक्तकोष दूर हो जाता है।

•  इस आसन को करने से दुर्बलता और थकान दूर होती है।

•  सर्वांगासन में रक्तप्रवाह मस्तिष्क / Brain की और होने से एकाग्रता और बुद्धिमत्ता में वृद्धि होती हैं।

•  सर्वांगासन के नित्य अभ्यास से जठराग्नि तेज होती है।

•  इस आसन से शरीर का पूर्ण विकास होता है, डिप्रेशन दूर होता है। थायरॉयड ग्लैंड्स की क्रियाशीलता बढ़ती है। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde.

•  बालों को गिरना और जल्दी सफेद होना कम होता है।त्वचा जल्दी ढ़ीली नहीं होती है।

•  इस आसन के प्रभाव से चेहरे पर झाइयां नहीं पड़ती हैं। लम्बी उम्र तक चेहरे पर चमक बनी रहती है। समय से पूर्व बाल सफेद नहीं होते हैं। नेत्र ज्योति अंत तक बनी रहती है।

•  हर्निया की रोकथाम करके पैरों और अन्य तनाव पूर्ण अंगों को आराम देता है |

•  इससे पुराने कब्ज, गले के रोग और जिगर के सभी रोग ठीक होते है।

•  पाचन क्रिया मजबूत होती है।

•  वे लोग जो दमा से पीड़ित हैं उनके लिए यह आसन बेहद फायदेमंद है।

•  पीठ और कंधे मजबूत होते हैं।

•  वजन कम करने में सहायक हैं।

•  वीर्य की ऊर्ध्वगति होकर अन्तःकरण शुद्ध होता है। मेधाशक्ति बढ़ती है, चिर यौवन की प्राप्ति होती है।

•  यह थायराइड ग्रंथि और मेरूदंड पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।थायराईड ग्रंथि के सुचारू पर्वक कार्य करने से शरीर का तापमान और उपापचय क्रिया संतुलित होता है। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde.

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सावधानियां

•  सर्वांगासन करते समय सिर को उठाने की कोशिश न करे।

•  घुटनों को मोड़ना नहीं हैं।

•  थायराइड के अति विकासवाले, खूब कमजोर हृदयवाले और अत्यधिक चर्बीवाले लोगों को किसी अनुभवी की सलाह लेकर ही सर्वांगासन करना चाहिए।

•  स्त्रियों को मासिक के समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

•  पीठ दर्द, कमर दर्द, नेत्र रोगी और उच्च रक्तचाप के रोगी आसन का अभ्यास ना करें।

•  इस आसन में पैर उठने के पूर्व सिर और कुहनियों कि स्थिति को भलीभांति ठीक कर लें |

•  उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, यकृत की समस्या व तिल्ली के बढऩे की स्थिति में इस आसन का अभ्यास न करें। Sarvangasana Kaise Kare Aur Uske Fayde.

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